लखनऊ। गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में खान-पान में लापरवाही और शारीरिक परिवर्तनों से अक्सर खून की कमी की शिकायत देखी जाती है। शरीर में आयरन की कमी से अक्सर महिलाएं एनीमिक (खून की कमी) हो जाती हैं। इस कमी को दूर करने के लिए सिर्फ खान-पान को लेकर गंभीर होने की जरूरत है।
कारण
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से भी खून की कमी होती है। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है। इसकी कमी से शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और एनीमिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। शरीर को पूरा पोषण न मिलने से रक्त में आयरन की कमी हो जाती है। कई बार चोट लगने या महिलाओं में माहवारी के दौरान भी ज्यादा खून बहने से भी शरीर में खून की कमी हो जाती है।
लक्षण
शरीर में हमेशा थकान रहती है और हाथ-पैर के तलवे भी ठंडे रहते हैं। आंखों और शरीर में पीलापन दिखने लगता है। आंख के नीचे काला घेरा दिखने लगता है। लगातार सिरदर्द और चक्कर आना। नाखून के रंगों मे बदलाव होना।
क्या कहना है स्त्री रोग विशेषज्ञ का
डॉ पुष्पा जायसवाल बताती हैं, ”गर्भवती महिलाओं में अक्सर खून की कमी होना आम बात होती है। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे सामान्य महिला से ज्यादा आयरन की मात्रा की जरूरत होती है क्योंकि बच्चे के विकास के लिए शरीर में ज्यादा रक्त की जरूरत होती है।” गर्भावस्था में मां और शिशु को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरन का सेवन जरूरी है।
आयरन और फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन
सरकार से गाँव-गाँव में आशा बहुओं और एनएएम को आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां मुफ्त में किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को बांटने के लिए दी जाती है। डॉ जायसवाल आगे बताती हैं, ”महिलाओं को समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए और अपने खानपान को लेकर सर्तक रहना चाहिए।”
खानपान में करें शामिल
अक्सर महिलाएं अपने खान-पान को लेकर लापरवाही कर जाती हैं। शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए खान-पान में पोषक तत्वों का होना जरूरी है। खाने मे हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली, मेंथी, सलाद, शलजम को शामिल करें। इसके अलावा चुकंदर और गुड़ में भी आयरन पाया जाता है। फलों में अनार में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। दूध और सूखे मेवों को भी खाने में शामिल करें।