आज़माकर देखिए रोज़ाना काम आने वाले ये देसी नुस्ख़े

Patalkot

दीपक आचार्य

आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार दुनिया में कोई भी ऐसी जड़ी-बूटी नहीं है जो काम की नहीं है। हर एक पेड़-पौधे के अपने औषधीय महत्व हैं। इस लेख के पिछले भाग में आपको बताया गया था कि देसी तरीकों को आजमाकर कैसे आप कई तरह से फायदे उठा सकते हैं, वो भी बिना पैसे खर्च किए निहायत घरेलू उपायों के जरिए। लेख के इस भाग में हम आपको ऐसे कुछ और नुस्खे बताएंगे जिन्हें देश के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में लोग अपनाते रहे हैं और इन तरीकों का लाभ लेते रहे हैं। तो आप भी इन्हें आजमाकर देखिए।

जोड़ों के दर्द का बेजोड़ उपाय

लगभग 10 ग्राम अदरक और 4 कालीमिर्च के दाने लेकर 10 मिली लीटर पानी में कुचल लीजिए और बाद में इसे निचोड़कर छान लीजिए। प्राप्त रस को शरीर के दर्द वाले हिस्सों पर दिन में दो से तीन बार लगाइए, दर्द में राहत मिलती है और जबरदस्त फायदा होता है। आधुनिक विज्ञान भी अब अदरक के इन गुणकारी प्रभावों का लोहा मानता है, माना जाता है कि प्रोस्टाग्लेंडिन लेवल को कमजोर कर अदरक जोड़ दर्द या आर्थरायटिस में खूब कारगर है।

मोटापा कम करें

एक किलो परवल के फल लेकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिए, 400 ग्राम कोकम के फल को भी इसके साथ लीजिए और दोनों को 4 लीटर पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि ये एक चौथाई न बचे। इसे छान लें और ठंडे स्थान पर रख दें। प्रतिदिन सुबह इस रस का 100 मिली. खाली पेट सेवन करें, जूस खत्म हो जाने पर इसी विधि से पुन: बनाएं, सिर्फ़ एक महीने आजमाकर देखिए, आपको निश्चित तौर पर परिणाम मिलेंगे।

ऐसे कम करें कोलेस्ट्राल

लहसुन की सिर्फ दो कलियों का प्रतिदिन सेवन आपके शरीर से खतरनाक कोलेस्ट्राल का स्तर कम कर देता है और साथ ही उच्च रक्त चाप को सामान्य करने में मदद करता है? लहसुन की दो कलियों को छील लिया जाए और इसे चबाया जाए। ऐसा प्रतिदिन सुबह खाली पेट किया जाए और एक गिलास पानी का सेवन किया जाए तो यह कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने के साथ-साथ आपके उच्च रक्तचाप को भी सामान्य करने में सहायक होता है।

डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए देसी नुस्ख़ा

लगभग एक चम्मच अलसी के बीजों को खूब चबाया जाए और एक गिलास पानी का सेवन किया जाए। ऐसा प्रतिदिन सुबह खाली पेट और रात सोने से पहले किया जाना चाहिए। डांग (गुजरात) में आदिवासी दालचीनी की छाल का चूर्ण तैयार करते हैं और इसे (लगभग 3.4 ग्राम) एक कप पानी में डालकर आधा घंटे तक रख देते हैं और प्रतिदिन भोजन से ठीक पहले दिन में दो बार इस मिश्रण को लेने की बात की जाती है।

पेप्टिक अल्सर का देसी इलाज

बबूल गोंद को पेप्टिक अल्सर में रामबाण की तरह माना जाता है, 100 मिली दूध को गर्म किया जाए और इसमें 20 ग्राम बबूल गोंद और 15 ग्राम तुलसी की सूखी पत्तियों का चूर्ण मिला लिया जाए और थोड़ी देर और कम आँच पर उबाला जाए। इस मिश्रण को दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेना चाहिए।

प्रतीकात्मक तस्वीर

महिलाओं की समस्याएं

अशोक का वृक्ष महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म संबंधित रोगों के लिए रामबाण है, जिन महिलाओं को जननांग से सफ़ेद या हल्के पीले रंग का लगातार स्रावण (ल्युकोरिया) हो, जिन्हें ज्यादा मात्रा में या अधिक समय तक चलने वाले मासिक धर्म (मेनोरेजिया) की समस्या हो या अनियमित मासिक धर्म की शिकायत रहती हो, उन्हे अवश्य रूप से अशोक की छाल का उपयोग करना चाहिए। अशोक की छाल का चूर्ण (ग्राम) शहद में मिलाकर दिन में तीन बार एक मासिक धर्म के खत्म होने से लेकर दूसरे शुरू होने के दौरान लेते रहना चाहिए। इससे ल्युकोरिया ठीक हो जाता है। अशोक की छाल (10 ग्राम) लेकर इसे एक पाव दूध के साथ उबालें और प्रतिदिन लें।

गंजेपन का देसी इलाज

पत्ता गोभी को थोड़े से पानी के साथ कुचलकर पेस्ट तैयार कर लें, इस पेस्ट को सिर के गंजे हिस्सों पर लगाकार आधे घंटे तक रहने दें और फिर स्नान कर लें। ऐसा दो महीनों तक करें। ऐसा करने के साथ-साथ सुवा और कच्ची पत्ता गोभी को भी चबाएं तो कुछ दिनों में गंजे सिर पर बालों के आने का कृत्रिम शुरू हो जाता है।

देसी ज्ञान आजमाइए, वजन बढ़ाइए

खरबूज प्राकृतिक रूप से वजन बढ़ाने के लिए एक कारगर देसी उपाय है। जो व्यक्ति 100 ग्राम खरबूज का सेवन प्रतिदिन लगातार एक माह तक करता है, उसका वजन बढ़ने लगता है। प्रतिदिन पके आम खाने के बाद एक गिलास दूध पीने से वजन तेजी से बढ़ता है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

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