एड्स ऐसी बीमारी है जिसको लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां रहती हैं इसे ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन अब ऐसा नहीं है दवाई के द्वारा भी एक एड्स पीड़ित व्यक्ति सामन्य आदमी के जैसी जिन्दगी जी सकता है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग के सहायक प्रो. डॉ. डी. हिमांशु रेड्डी ने बताया, “एचआईवी एक वायरस के कारण होता है। ये वायरस हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता है। जब ये वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो हम बोलते हैं की व्यक्ति एचआईवी से ग्रसित हो गया है। शरीर में प्रवेश के बाद ये लगभग 10 वर्षों तक चुप-चाप बैठा रहता है। इसके बाद धीरे-धीरे ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत कम कर देता है। व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। इसे ऐसे इन्फेक्शन होने लगते हैं जो कि एक आम व्यक्ति को नहीं हो सकते हैं तब हम कहते हैं इस व्यक्ति को एड्स हो गया है।”
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डॉ रेड्डी ने आगे बताया, “एचआईवी का वायरस जब रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है तो व्यक्ति में कई तरह के लक्षण सामने आने कगते हैं जैस दुबले होने लगना, कमजोरी लगना, कई तरह के इन्फेक्शन होने लगते हैं कुछ ऐसे फेफड़े के इन्फेक्शन होने लगते हैं जो कि एक आम व्यक्ति को नहीं होते हैं, बार-बार दस्त आना और मुंह में छाले पड़ना इसके लक्षण होते हैं।”
साथ रहने से नहीं फैलती है ये बीमारी
“बीमारी केवल शरीर के फ्लूइड से ही फैलती है जैसे की वीर्य हो गया, खून हो गया इनसे एक दूसरे में फैलता है। ये फ्लूइड साथ बैठने, साथ खाना खाने, बात करने, साँस से भी नहीं फैलता है। ये वायरस मरीज के पसीने से, उसके थूक को चुने से और पेशाब के छूने से भी नहीं फैलता है।” डॉ रेड्डी ने बताया।
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वायरस को रखा जा सकता है काबू
डॉ. रेड्डी ने बताया, “हमारी जो मेडिकल साइंस है वो इस वायरस को पूरी तरीके से हटा नहीं सकती है लेकिन इसे दबाकर रखा जा सकता है। इसपर काबू रखने के लिए कई तरह की दवाइयां हैं। एक सामन्य व्यक्ति के जैसे एड्स पीड़ित मरीज भी जिंदगी जी सकता है।”
स्वास्थ्य के प्रति रहें जागरूक
अक्सर लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होते हैं। अगर दूसरे जगह की बात करें तो लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर जांच करवाते रहते हैं वैसे ही यहाँ भी लोगों को जागरूक रहना पड़ेगा। समय-समय पर अपनी जांच करवाएं तो किसी भी बीमारी से आसानी से लड़ा जा सकता है।