महिलाओं में दाढ़ी-मूंछ गंभीर बीमारी की पहचान

India

आगरा। पहले ज़माने में जब भी गाँव-शहर में सर्कस आता था तो पंडाल में एक कमरा होता था कुदरत के एक अजूबे के लिए। बच्चे पाँच रुपये का टिकट लेकर देखने जाते थे दाढ़ी-मूंछ वाली औरत को देखने के लिए। वैसे देेखने में तो वो औरत ही होती थी पर चेहरे पर अधिक बाल होने के कारण लोग अचरज से देखते थे। आज मेडिकल साइंस ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह कोई अजूबा न होकर सिर्फ  होर्मिनल विकार से ग्रसित एक मरीज़ है। इस बीमारी के ही कम विस्तृत रूप को पॉली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के नाम से जाना जाता है। आजकल 10 में से 3 लड़कियां इस विकार के जूझ रही हैं। 

पीसीओएस के लक्षण

सिर के बाल झड़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल उगना, मासिक चक्र अनियमित होना या रुक जाना, वजन बढऩा या कम हो जाना। 

बंद हो जाता है मासिक धर्म

फीमेल हॉर्मोन की गड़बड़ी से हर महीने अंडकोष में अंडा बनने की जगह चने-मटर जैसी एक छोटी सी बलेज बन जाती है। कुछ सालों में पूरा अंडकोष ही सिस्टस से भर जाता है। ऐसी स्थिति में मासिक धर्म आना भी बंद हो जाता है। 

पीसीओएस के अधिकांश मरीजों को गर्भधारण करने में भी समस्या आती है। इसे बांझपन न कहा जाये क्योंकि किसी को बांझ कहना गलत होगा। सही शब्द है नि:संतान दंपत्ति। अच्छी खबर यह है कि इस बीमारी का निदान संभव है। जल्दी इलाज शुरू करने से 70 प्रतिशत लड़कियां अपनी प्रजनन क्षमता को नही खोती। गंभीर व जटिल अवस्था में इसका इलाज दूरबीन के ऑपरेशन यानी लैप्रोस्कोपी द्वारा संभव है। इसमें सूक्ष्म छेद के ज़रिये इन सिस्टों को हटा कर अंडाशय को ठीक किया जाता है और महिला मां बन सकती है। 

बीमारी को छुपाने से बीमारी बढ़ सकती 

इस बीमारी के बढ़ने के अन्य कारण हैं खान पान की गड़बड़ी, व्यायाम न करना, मासिक धर्म रोकने व खोलने की दवा मन-मर्जी से खाना व वजन बढ़ना। सिर्फ  चेहरे के अनचाहे बाल हटवा लेना इसका निदान नहीं है। जल्द उपचार से ही निदान संभव है।

Recent Posts



More Posts

popular Posts