हीटवेव: गर्मी से बचने के लिए रखें इन जरूरी बातों का ध्यान

इस समय देश के ज्यादातर राज्यों में लू चल रही है, जिससे बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपना रहे हैं, लेकिन वो उपाय कितने फायदेमंद हैं, कहीं उनके कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हैं, बता रही हैं विशेषज्ञ।
#heatwave

देश में इस समय हीट वेव यानी लू की लहर चल रही है, जिससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी अपना रहे हैं। अगर जरा सी भी लापरवाही हुई तो हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, डायरिया और फ़ूड पाइजनिंग जैसी कई बीमारियों का खतरा गर्मी बढ़ जाता है। ऐसे में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के क्रिटिकल केयर डिपार्टपेंट की डायडीशियन डॉ. अंजली नेगी गाँव कनेक्शन से बता रही हैं कि कैसे इस गर्मी मौसम में अपने खानपान में बदलाव करके गर्मी से बच सकते हैं।

शरीर को हाइड्रेटेड रखने के आसान तरीके

गर्मियों में खुद को हाइड्रेटेड रखना और शरीर के अंदर पानी की कमी न होने देना ये सबसे ज़रूरी हो जाता है ऐसे में आपको निरंतर किसी न किसी माध्यम से अपने शरीर की पानी की आवश्यकता को पूरा करना होता है। गर्मियों में ज़्यादातर बीमारियां पानी कम पीने और गलत खान पान के कारण होती हैं जैसे डायरिया, भूख का न लगना, एसिडिटी, पसीना ज़्यादा आना इत्यादि।

डॉक्टर अंजलि नेगी गाँव कनेक्शन को जानकारी देते हुए बताती हैं, “गर्मियों के मौसम में सुबह सबसे पहले आप नींबू पानी पीजिये, जिसका पानी हल्का गुनगुना होना चाहिए, उसमें आप आधा टुकड़ा नींबू डालिए क्योंकि नींबू में विटामिन C होता है और ये एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, ये हमारे शरीर से टॉक्सिन और फ्री रेडिकल्स को निकाल देता है, नींबू पानी एक तरह का इम्युनिटी बूसटर भी होता है और इससे पेट भी साफ़ होता है।”

वो कहती हैं, “दूध की जगह आप गर्मियों में लस्सी का सेवन कर सकते हैं या फिर जो मठ्ठा है उसे इस्तेमाल कर सकते हैं। बेल का शरबत भी ले सकते हैं गर्मी में बेल का शरबत गरम हवाओं के प्रभाव से आपको बचाता है। आप नारियल पानी रोज़ पी सकते हैं, ये बहुत ज़्यादा सेहतमंद रहता है आपके शरीर के लिए क्योंकि ये पोटैशियम रिच होता है ये सब चीज़े हमें अपनी डाइट में लेनी चाहिए।”

सॉफ्ट ड्रिंक्स सेहत के लिए हानिकारक

अधिकांश हमने देखा है की लोग गर्मी के मौसम में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की तरफ आकर्षित होते हैं जबकि उनमें भारी मात्रा में शुगर और हानिकारक प्रिज़र्वेटिव भी होते है और उसके साथ-साथ वो पौष्टिक भी नहीं होते हैं। अगर आप सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करते हैं तो आपका वेट बढ़ने, लीवर डैमेज होने और डायबिटिज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

लेकिन सॉफ्ट ड्रिंक की जगह पर अगर हम देसी ड्रिंक जैसे सत्तू का शरबत या शिकंजी बना कर पीते हैं तो वह पौष्टिक होने के साथ साथ स्वादिष्ट भी होते हैं।

ऐसी ही कुछ ड्रिंक्स के बारे में डॉक्टर अंजलि नेगी बताती हैं, “देखिये बहुत सारी ऐसी ड्रिंक्स हैं जो हम आसानी से घर पर बना सकते हैं , सुबह उठते ही सबसे पहले नींबू पानी पीजिये। सत्तू का एक प्रोटीन ड्रिंक बनता है , उसमें आप सत्तू लीजिए उसमें आप पानी डालें, उसमें आप स्वाद के लिए काला नमक जीरा पाउडर मिला कर उसे पीजिये,बहुत फायदेमंद और प्रोटीन रिच ड्रिंक है। बैल का शरबत भी ले सकते हैं गर्मी में बेल का शरबत गर्म हवाओं के प्रभाव से आपको बचाता है”।

गर्मियों में भूल कर भी न करें इनका सेवन

गर्मी के मौसम में कुछ बातों का खास ध्यान रखने की ज़रुरत होती है, बहुत सारी ऐसी चीजें होती हैं, जिनसे गर्मी के मौसम में बचना चाहिए जैसे कम पानी पीना, बासी खाना, बाजार के पैक सामान का सेवन करना ऐसी ही कुछ मुख्य बातें डॉ. अंजली नेगी गांव कनेक्शन को बताते हुए कहती हैं, “फलों का जूस आप घर पर ही बनाएं, बाजार में बिक रहे डिब्बे का जूस न पिएं] क्योंकि जो कैन वाले और प्रोसेस्ड जूस होते हैं उसमें प्रिज़रवेटिव और कलर होता है जोकि हमारे शरीर के लिए बहुत ज़्यादा हानिकारक होता है।”

लोग इस जानलेवा गर्मी में भी चाय और कॉफ़ी का सेवन करते हैं, क्योंकि उनको चाय और कॉफ़ी की आदत पड़ चुकी है इस पर डॉ अंजली नेगी कहती हैं, “गर्मियों में हम घर में कॉफ़ी और चाय पी लेते हैं ये हमारी सेहत के लिए हानिकारक है। कॉफी और चाय डिहाइड्रेशन होने की सम्भावनाओं को बढ़ा देती हैं। तो हम लोग गर्मियों में ग्रीन टी पी सकते हैं जिसके अनेकों फायदे हैं।”

हीटवेव क्या है?

हीट वेव अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है। जब तापमान किसी दिए गए क्षेत्र के ऐतिहासिक औसत से अधिक हो जाता है तो उसे हीट वेव या लू कहते हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू चलने लगती है। यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है। तटीय क्षेत्रों में जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो हीट वेव चलने लगती है।

Recent Posts



More Posts

popular Posts