गुणों की खान है नारियल तेल

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भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, फिलीपीन्स जैसे देशों में नारियल के तेल को अनेक रूप से उपयोग में लाया जाता है। एक दौर था अमेरिका और कनाडा में नारियल तेल का भरपूर उपयोग किया जाता था। सन् 2000 के बाद आधुनिक शोध रिपोट्र्स से जानकारी मिलनी शुरू हुई कि नारियल का तेल बेहद गुणकारी है। इस सप्ताह आपको को नारियल तेल के खास गुणों से परिचित करवाता हूँ।  

बालों की सेहत

नारियल का तेल आपके बालों की सेहत के लिए प्रकृति का सबसे बढिय़ा पोषक उपाय है। जो लोग नित्य अपने बालों में नारियल का तेल लगाते है उनके बाल चमकदार तो बनते ही हैं इसके अलावा बालों की जड़ों से प्रोटीन की कमी को दूर करने में भी नारियल कारगर होता है। नहाने के बाद नारियल तेल लगाते रहने से बालों में डेंड्रफ नहीं आते हैं।

रक्त शर्करा नियंत्रण 

आधुनिक शोध परिणाम बताते हैं कि नारियल तेल का सेवन करने वाले लोगों की रक्त शर्करा ज्यादातर नियंत्रित रहती है क्योंकि नारियल तेल इंसुलिन के स्रावण में तेजी लाने में मददगार होता है। 

गार्वन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने शोध परिणामों से साबित किया है कि नारियल तेल में मीडियम चैन फैटी एसिड्स होते हैं जो टाइप-2 डायबिटीस को होने से रोकने में मददगार होते हैं। दरअसल इस तरह के फैट (वसा) कोशिकाओं में आसानी से अवशोषित हो जाते है और त्वरित तौर पर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है। नारियल तेल में ऐसे वसीय पदार्थ हैं जो डायबिटीस के रोगियों के लिए नुकसान देय नहीं। 

हृदय रोग निवारण

अनेक भ्रांतियां ऐसी हैं कि नारियल का तेल दिल के मरीजों के लिए ठीक नहीं क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट होते हैं, ये सरासर गलत है। वास्तव में हृदय की सेहत के लिए नारियल तेल अति उत्तम साबित हुआ है। नारियल तेल में करीब 50 फीसदी लौरिक अम्ल पाए जाते है जो कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता हैं। नारियल तेल के सेवन से एलडीएल के लेवल में कोई फर्क नहीं आता और ये तो हृदय की धमनियों में होने वाले नुकसान को ठीक करने में मददगार होता है। 

आर्थरायटिस में राहत

एक अत्याधुनिक शोध से प्राप्त परिणाम बताते हैं कि वर्जिन कोकोनट तेल के इस्तेमाल आर्थरायटिस मरीजों के लिए लाभप्रद है। कोकोनट तेल जोड़ दर्द वाले हिस्सों में दिन में दो बार आहिस्ता-आहिस्ता मालिश की जाए तो जल्द आर्थरायटिस जैसी समस्या में आराम मिलता है। इस शोध में बताया गया कि जिन मरीजों को हल्के गर्म नारियल तेल से मालिश की गयी उन्हें आर्थरायटिस की समस्या में राहत तो मिली ही, साथ ही हाथ पैर में सूजन, दाह और जोड़ दर्द में भी काफी आराम मिला।   

त्वचा सुरक्षा 

त्वचा की सुरक्षा और बेहतर रखरखाव के लिए नारियल का तेल बहुत उपयेगी है। नारियल तेल एक बेहतरीन मॉइस्चरायजर है। माना जाता है कि इसके इस्तेमाल से त्वचा पर किसी भी तरह का साइड इफेट्क्स भी नहीं होता है। पारंपरिक हर्बल जानकारों के दावों के अनुसार नारियल तेल के इस्तेमाल से चेहरे पर झुर्रियां जल्द नहीं आती और त्वचा के अनेक रोगों जैसे सोरायसिस, डर्माटायटिस, एक्जिमा आदि को भी रोकने में मददगार होता है। अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से नारियल तेल असमय बुढ़ापे और डिजेनेरेटिव रोगों से जुड़े अनेक उत्पादों में महत्वपूर्ण अंग की तरह उपयोग में आता है।  

वजन कम करना

कई शोध परिणाम दर्शाते हैं कि, नारियल तेल के इस्तेमाल आप अपना वजन कम कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले मीडियम चैन फैटी एसिड्स वजन कम करने में मददगार होते हैं। ये फैटी एसिड्स आसानी से पच जाते हैं और थॉयरायड और एंडोक्राइन सिस्टम को सुचारू करने में मदद भी करते हैं। हमारे शरीर के पेंक्रियाज में तनाव पैदा कर मेटाबॉलिक क्रियाविधियों को सुचारू बनाने के अलावा ये फैटी एसिड्स वजन कम करने में मददगार साबित होते हैं और शायद यही वजह है कि समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो ज्यादा नारियल तेल का सेवन करते हैं अक्सर दुबले पतले और चपल होते हैं।

एंटी-वायरल गुण

नारियल तेल में कैप्रिक एसिड नामक एक खास रसायन और पाया जाता है। जब भी नारियल तेल का सेवन किया जाए तो इसमें उपस्थित कैप्रिक एसिड हमारे शरीर में पहुंचकर मोनो-कैप्रिन बनाता है जो कि एड्स और हर्पिस जैसे खतरनाक वायरस से लडऩे में सक्षम साबित हुआ है। दुनियाभर के अनेक शोधार्थी इस शोध में लगे हुए हैं कि क्या एड्स, हेपेटाइटिस-सी जैसे रोगों से लडऩे के लिए नारियल तेल कितना प्रभावी हो सकता है। 

रोग प्रतिरोधकता क्षमता का विकास

हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधकता के लिए नारियल तेल बेहद खास है, बशर्ते इसे भोजन बनाने के लिए प्रयोग में लिया जाए। नारियल तेल हमारा पाचन सुचारू करता तो है ही इसके अलावा पेट से जुड़े अनेक विकारों को सम्हालने में मदद करता है। नारियल तेल शरीर के भीतर विटामिन, मिनरल्स और अनेक एमीनो एसिड्स को अवशोषित कर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है। 

यूटीआई, किडनी इंफेक्शन व यकृत सुरक्षा 

नारियल के तेल में पाए जाने वाले एमसीएफए (मीडियम चैन फैटी एसिड्स) प्राकृतिक एंटीबॉयोटिक्स की तरह काम करते हैं और संक्रमक बैक्टिरिया पर चढ़ी हुई लिपिड कोटिंग को तहस-नहस कर बैक्टरिया को मार गिराने में मदद करते हैं। जिन्हें पेशाब नली में संक्रमण यानि यूटीआई (यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन) की शिकायत हो या किडनी में किसी तरह के सक्रमण की शिकायत, नारियल तेल का सेवन बेहद हितकर साबित होता है। अनेक शोध परिणाम नारियल तेल को यकृत (लीवर) की सेहत के लिए भी खास मानते हैं।

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