कोविड संक्रमण के केस फिर एक बार दिन बढ़ रहे हैं तो वहीं कोविड को रोकने के लिए एक नया हथियार मिलने की उम्मीद है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि अस्थमा और एलर्जी के इलाज में इस्तेमाल की की जाने वाली दवाएं कोविड को रोकने में सहायक हो सकती हैं।
शोध में पाया गया है कि ये दवाएं SARS-CoV-2 वायरस की एक महत्वपूर्ण प्रोटीन को ब्लॉक और बंद कर सकते हैं और साथ ही साथ मानव प्रतिरक्षा कोशिकाओं में वायरल प्रतिकृति को कम कर सकते हैं।
मोंटेलुकास्ट नाम की दवा को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अनुमोदित किया है। इस दवा को लगभग 20 साल से इस्तेमाल में लिया जा रहा है। इस दवा का इस्तेमाल अस्थमा, बुखार और खारिश जैसी स्थितियों में होने वाली सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।
शोध में पाया गया है कि ये दवा SARS-CoV-2 वायरस एनएसपी-1 नामक प्रोटीन को सी टर्मिनल की तरफ से मजबूती से बांधती है। ये दवा होस्ट बॉडी की रक्षा के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली के जरिए प्रोटीन के संश्लेषण को बंद कर देती है।
Montelukast, an FDA-approved asthma drug, can bind strongly and stably to a crucial #SARSCoV2 protein called Nsp1, and rescue inhibition of protein synthesis in immune cells, finds an @eLife study by IISc researchershttps://t.co/gVhUCdwE1z#IIScresearch pic.twitter.com/Qau78Pu0b1
— IISc Bangalore (@iiscbangalore) April 26, 2022
वैज्ञानिकों के अनुसार ये खोज काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वायरस के किसी भी प्रकार में बड़े पैमाने पर एनएसपी-1 के अपरिवर्तित रहने की संभावना है, क्योंकि प्रोटीन में उत्परिवर्तन दर, विशेष रूप से सी-टर्मिनल क्षेत्र में बाकी वायरल प्रोटीन के तुलना में काफी कम है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये दवा वायरस के सभी वेरिएंट में काम कर सकती है।
आण्विक प्रजनन, विकास और आनुवंशिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर तनवीर हुसैन के नेतृत्व में एक शोध टीम ने इस विषय पर काम किया है। शोध टीम ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग का उपयोग करके 1600 से अधिक एफडीए अनुमोदित दवाओं की जांच कर के अपना अध्ययन शुरू किया है।
डॉ. तनवीर ने एचआईवी रोधी दवा सैक्विनावीर सहित एक दर्जन दवाओं को शॉर्टलिस्ट कर के जैव रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर संदीप ईश्वरप्पा के नेतृत्व में एक टी मे के साथ काम किया है। प्रयोगशाला में सुसंस्कृत मानव काशिकाओं को विशेष रूप से एनएसपी-1 का उत्पादन किया और चयनित दवाओं से उसका इलाज किया और पाया कि मोंटेलुकास्ट प्रोटीन Nsp1 द्वारा संश्लेषण के रोकने को बचाने में सक्षम है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ने रसायन शास्त्रियों के साथ शोध की एक योजना बनाई है ताकि ये देखा जा सके कि क्या वह दवा की संरचना को बदल सकते हैं। ताकि इसे SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सके।
#AmritMahotsav#Unite2FightCorona#LargestVaccineDrive
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— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 28, 2022
बीते 24 घंट में मिले हैं कोविड संक्रमण 3,303 नए मामले
भारत में कोविड संक्रमित सक्रिय मरीजों की संख्या 16,980 है। बीते चौबीस घंटों में 2,563 लोग स्वस्थ हुए, अब तक स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 4,25,28,126 है, जबकि पिछले 24 घंटों में 3,303 नए मामले सामने आए हैं। अब तक देश में 83.64 करोड़ कोविड जांच की जा चुकी हैं, बीते चौबीस घंटों में 4,97,669 जांच की गई।