Gaon Connection Logo

आज का हर्बल नुस्खा: बाँस एक औषधि भी है

India

भारतवासी प्राचीन काल से दवा की तरह बाँस का उपयोग करते रहे हैं। बाँस का वानस्पतिक नाम बैंबूसा अरंडिनेसीया है। पातालकोट के आदिवासी मानते है कि बाँस के ताजा हरे पत्तों (50 ग्राम) को 600 मिली पानी में डालकर काढ़ा बनाया जाए और उन स्त्रियों को दिया जाए जिन्हें मासिक-धर्म रुका हुआ होने की शिकायत है, एक सप्ताह के भीतर ही समस्या का निवारण हो जाएगा। पशुओं के कई रोगों में भी बांस की पत्तियां उपयोगी है, सामान्य तौर पर मवेशियों में दस्त को दूर करने, प्राथमिक उपचार के रूप में बांस की मुलायम पत्तियों को खिलाने की सलाह दी जाती है। इन फार्मुलों पर आधुनिक विज्ञान के प्रमाणित दावे भी उपलब्ध हैं। 

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...