भारत सहित पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इटली कोराना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में एक है। इटली में कोरोना के एक लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि दस हजार लोगों से इसकी में मौत हो चुकी है। पेशे से एक अध्यापिका इटली की स्लिविया कैपेनिनि ने भारतवासियों से एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और क्वेरनटाइन होना क्यों जरूरी है?
सबसे पहले उन्होंने बताया कि वह लगभग एक महीने से क्वेरनटाइन हैं। वह घर से एकदम बाहर नहीं निकलती हैं। घर पर भी वह बोरियत या अवसाद का शिकार ना हों इसके लिए वह हमेशा कुछ ना कुछ करती रहती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे समय में खाली बैठना बहुत खतरनाक है, इसलिए कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए।
लॉकडाउन के वक्त इटली में बाहर निकलना इतना आसान नहीं है, जितना भारत में। यहां किसी काम से, सामान लेते वक्त या मेडिकल इमरजेंसी के वक्त घर से बाहर निकलने से पहले एक सरकारी फॉर्म भरना पड़ता है, जिसमें लिखा जाता है कि हम अपने काम के इतन कहीं नहीं जाएंगे। इसके अलावा हम घर से निकलने से पहले पूरी तरह अपने शरीर को ढंक लेते हैं। मास्क और ग्लव्स सबसे जरूरी किट हैं, इनके बगैर हम बाहर नहीं निकलते।
हम सुपर स्टोर से अगर कुछ सामान खरीदते हैं तो उसे कुछ घंटों तक घर से बाहर ही रखा जाता है। इसके अलावा घर वापस आने के बाद हम नहाते हैं और कपड़ों को धोते हैं क्योंकि वायरस के चिपके रहने का खतरा हर जगह और हर समय रहता है।
खाली समय में खुद को प्रेरित रखने के लिए स्लिविया ऑनलाइन क्लास लेती हैं। इसके अलावा हर वीकेंड शाम को बालकनी में निकलकर पड़ोसियों के साथ गाना गाती हैं और मस्ती करती हैं। यह काफी मजेदार होता है। आप दिन भर सोफे पर लेटकर यह नहीं सोच सकते कि देश-दुनिया में क्या हो रहा है? इससे आपका दिमाग ही खराब होगा।
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