गांव कनेक्शन सर्वे: पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य

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लखनऊ। गांव कनेक्शन के सर्वे में पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य बन कर उभरा है। देश के 19 राज्यों में कराए गए इस सर्वे में पश्चिम बंगाल के चार में से तीन लोगों ने कहा कि उनके घर की महिलाएं घर से बाहर निकलते वक्त सुरक्षित नहीं महसूस करती हैं।

देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफॉर्म ‘गांव कनेक्शन’ द्वारा कराए गए इस सर्वे में ग्रामीण भारत से जुड़े मुद्दों और समस्याओं के बारे में लोगों से पूछा गया। 19 राज्यों के 18,267 परिवारों पर किए गए इस सर्वे में महिला सुरक्षा से जुड़े प्रश्न को भी शामिल किया गया। लोगों से पूछा गया कि क्या उनकी घर की महिलाएं घर से बाहर निकलते वक्त सुरक्षित महसूस करती हैं?

इस सर्वे में 63.8 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके घर की महिलाएं दिन के वक्त तो बाहर निकलने में सुरक्षित महसूस करती हैं लेकिन दिन ढल जाने के बाद असुरक्षा की भावना बढ़ती जाती है। जबकि 11.8 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कभी सुरक्षित नहीं महसूस करतीं। हालांकि इस सर्वे में 24.4 फीसदी घर ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि उनकी घर की महिलाएं हमेशा 24*7 सुरक्षित महसूस करती हैं।

गांव कनेक्शन के इस सर्वे में पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य रहा जहां पर 72.9% लोगों ने कहा कि माहौल ही ऐसा नहीं हैं कि महिलाएं बाहर निकलते वक्त सुरक्षित महसूस करें। वहीं 23.4 फीसदी लोगों ने कहा कि दिन के समय महिलाएं तो सुरक्षित महसूस करती हैं लेकिन दिन ढल जाने के बाद असुरक्षा की भावना बढ़ती जाती है।


एनसीआरबी की डाटा में भी पश्चिम बंगाल फिसड्डी

अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की डाटा को खंगालें तो पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा को लेकर स्थिति और साफ होती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी सबसे नए रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पश्चिम बंगाल अग्रणी राज्यों में से एक है। इस रिपोर्ट के अनुसार जहां देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध का प्रतिशत 10.9 रहा, वहीं उसकी आधी से भी कम जनसंख्या वाले राज्य पश्चिम बंगाल में यह प्रतिशत 10.1 रहा। 2015 के इस रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में कुल 33,218 मामले दर्ज किए गए। जबकि देश भर में कुल 3,27,394 घटनाएं हुईं।

बलात्कार की कोशिश के मामले में पश्चिम बंगाल नंबर वन

अगर बलात्कार की बात करें तो उसमें भी पश्चिम बंगाल भारत के अन्य राज्यों से कहीं आगे हैं। ओडिशा के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा ऐसा राज्य था जहां पर अज्ञात लोगों के खिलाफ रेप के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। वहीं महिलाओं से बलात्कार के कोशिश के मामले में पश्चिम बंगाल नंबर एक स्थान पर रहा। इस दौरान पश्चिम बंगाल में कुल 1,551 अटेम्पट रेप के मामले दर्ज हुए।

घरेलू हिंसा के मामले में भी पश्चिम बंगाल अव्वल

पति और ससुराल द्वारा पीड़ित महिलाओं के मामले में भी पश्चिम बंगाल पूरे देश में अव्वल रहा। पश्चिम बंगाल में ऐसे कुल 20,163 मामले दर्ज किए गए जिसमें महिलाओं के साथ दहेज या किसी और बात को लेकर पति या ससुराल वालों ने उत्पीड़न किया।

महिलाओं के लिए देश के चार खतरनाक जिलों में चार पश्चिम बंगाल से

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में देश के शीर्ष 10 जिलों में अकेले चार जिले पश्चिम बंगाल से थे। पश्चिम बंगाल का दक्षिण 24 परगना 4073 मामलों के साथ इस सूची में दूसरे स्थान पर था। वहीं मुर्शिदाबाद (2984 मामले), उत्तरी 24 परगना (2690 मामले) और नादिया (2331 मामलों) के साथ क्रमशः चौथे, छठे और आठवें स्थान पर रहें।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर के मामले में 73.4 प्रतिशत के साथ पश्चिम बंगाल सातवें स्थान पर था। जबकि पूरे देश का औसत (53.9%) बंगाल से काफी कम था। 2014 के रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल महिला अपराध दर के मामले में राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर था। 

यह भी पढ़ें- गांव कनेक्शन सर्वेः अपने घर की महिलाओं के बाहर निकलने पर क्या महसूस करते हैं लोग?


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