सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उत्तर प्रदेश के सीतापुर में किसान मेले और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद के 36 अन्नदाता किसानों और पशुपालकों को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर के किया। अपने संबोधन में उन्होंने किसानों से पराली न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा, “पराली से हमारे मित्र कीट नष्ट होते हैं, जिसके चलते हमारी उपजाऊ भूमि बंजर होती चली जा रही है।”
जिला कृषि उप निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा पराली को जैविक खाद के रूप में प्रयोग करने के उपाय बताए गए हैं, जिसका किसान भाइयों को उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेत की जैविक उर्वरा शक्ति दिन पर दिन नष्ट होती चली जा रही है। पराली जलाना कानून अपराध भी है।
बिसवां विधायक महेंद्र सिंह यादव ने किसानो को उन्नत प्रौद्योगिकी अपनाने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिको से संपर्क करने हेतु अनुरोध किया। पूर्व राज्य मंत्री और मिश्रिख विधायक राम कृष्ण नें जल के अत्यधिक दोहन एवं लगातार घटते भूजल स्तर पर बेहद चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि हम आज जल के प्रबंधन एवं संरक्षण पर ध्यान नही देगें तो आने वाली पीढी के लिए कृषि करना दुर्लभ हो जाएगा।
मेले में कृषि विभाग द्वारा प्रदर्शनी लगा कर किसानों को नए उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। वहीं जिले के 36 प्रगतिशील किज़ानों को सम्मानित किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव को जिले में फ़सलो के उत्पादन बढ़ोतरी में अहम योगदान के लिए सम्मानित किया गया।