एमएसपी पर 3 दिसंबर तक सरकार ने 329 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, जानिए किस राज्य से कितना खरीदा गया धान?

दिल्ली में कृषि कानून और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग लेकर जारी आंदोलन के बीच सरकार ने इस साल हुई धान समेत दूसरी फसलों की खरीद के आंकड़ें जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि किस राज्य में अब तक कितनी खरीद हुई।
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नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच सरकार ने चालू खरीफ वर्ष में धान खरीद के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 3 दिसंबर तक 329.86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। उपभोक्‍ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हुई खरीद पिछले साल 275.98 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 19.52 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय की तरफ से 4 दिसंबर को जारी विज्ञप्ति के अनुसार खरीफ सीजन 2020-21 के लिए धान की खरीद, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू एवं कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों लगातार जारी है।

कुल 329.86 लाख मीट्रिक टन खरीद में से 202.77 लाख मीट्रिक टन योगदान पंजाब का है,जो कुल खरीद का 6147 फीसदी है। जबकि प्रतिशत की बात करें तो पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा की हिस्सेदारी 17 फीसदी, उत्तर प्रदेश 7 फीसदी, तमिलनाडु 2 फीसदी, उत्तराखंड 3 फीसदी, तेलंगाना की 6 फीसदी और बाकी राज्यों की हिस्सेदारी 3 फीसदी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 3 दिसंबर तक रुपयों के संदर्भ में बात करें तो अब तक कुल 62275.61 करोड़ रुपए की एमएसपी पर खरीद हुई है,जिससे पूरे देश में 31.78 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।

पीएसएस के तहत 45.25 लाख मीट्रिक टन दालों और तिलहन की खरीद

धान के अलावा सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश समेत दूसरे राज्यों से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 45.25 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन खरीद को मंजूरी दी गई थी, इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के लिए खोपरे (बारहमासी फसल) की 1.23 लाख मीट्रिक टन की खरीद को भी मंजूरी दी गई।

03 दिसंबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 649.50 करोड़ रुपये की एमएसपी मूल्य वाली मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की 120626.22 मीट्रिक टन की खरीद की जिससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 68,978 किसान लाभान्वित हुए।

पीएसएस के तहत अन्य राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों से खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर दलहन, तिलहन और खोपरे के लिए भी मंजूरी दी जाएगी ताकि अधिसूचित फसल अवधि के दौरान बाजार दर एमएसपी से कम होने की स्थिति में वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित एमएसपी के आधार पर इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद, राज्य की ओर से नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीधे पंजीकृत किसानों से की जा सके।

इसी तरह, 03 दिसंबर 2020 तक 52.40 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 5089 मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद की गई है, जिससे कर्नाटक और तमिलनाडु के 3,961 किसान लाभान्वित हुए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 293.34 मीट्रिक टन खोपरे की खरीद की गई थी। खोपरे और उड़द के संदर्भ में, अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में दरें एमएसपी से अधिक हैं।

धान, तिहलन और दलहन के साथ कपास की खरीद

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों में एमएसपी के तहत बीज कपास की खरीद प्रक्रिया जारी है। तीन दिसंबर 2020 तक 3454429 कपास की गांठें खरीदी गईं जिनका मूल्य 10145.49 करोड़ रुपये हैं जिससे 6,89,510 किसान लाभान्वित हुए हैं। 

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