नई दिल्ली। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विजयी पताका फहरने के बाद अब देश के 19 राज्यों में भाजपा या उसकी अगुआई वाले फ्रंट एनडीए की सरकार है। ऐसे में जब 2018 में अगला विधानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ में है, तब यह देखना रोमांचक होगा कि पिछले तीन बार से छत्तीसगढ़ की सत्ता पर राज कर रहे किसान के बेटे और मुख्यमंत्री रमन सिंह क्या एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहरा सकेंगे। हाल में ही छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अजीत जोगी ने 2018 के विधानसभा चुनावों को लेकर 11 उम्मीदवारों की घोषणा करने के साथ ही चुनावी हलचल पैदा कर दी है।
क्या कहता है छत्तीसगढ़ का गणित
करीब 55 लाख आबादी वाले देश के छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 90 विधानसभा सीट हैं। पिछली बार यानि 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 49 सीटों पर कब्जा जमाकर छत्तीसगढ़ की सत्ता हासिल की थी। हालांकि कांग्रेस पीछे रही, मगर कांग्रेस ने राज्य की 38 सीटों पर कब्जा जमाया। वहीं दो सीटें बहुजन समाज पार्टी और एक सीट अन्य के खाते में गई थी।
नए चेहरों में फिर लग सकते हैं दांव-पेंच
छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनावों में दोनों बड़ी पार्टियों के बीच नये और पुराने उम्मीदवारों को लेकर काफी घमासान देखने को मिला है। पिछले चुनाव यानि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों ने नये चेहरों को बड़ी संख्या में जगह दी थी। इसका खासा असर भी चुनाव में देखने को मिला था। मजेदार बात यह रही कि छत्तीसगढ़ की जनता ने 90 में से 41 नये चेहरों को विधानसभा में जाने का मौका दिया।
ऐसी रही नये चेहरों की गणित
छत्तीसगढ़ विधानसभा में शामिल हुए 41 नए चेहरों में भारतीय जनता पार्टी के 37 में से 24 विधायक नए चेहरे थे, दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के 36 में से 17 विधायक नये चेहरे थे। हालांकि यह बात अलग है कि कांग्रेस के कुछ विधायक अब अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस में हैं। अब यह देखना होगा कि 2018 में राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में क्या दोनों पार्टियां एक बार फिर नये चेहरों पर दांव लगाएंगी।
हाल में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था इशारा
इसी साल एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इशारा किया था कि जिन भाजपा विधायकों की रिपोर्ट जनता के दरबार में ठीक नहीं होगी, उस पर पिछले चुनाव का पैंतरा अपना सकते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा इस बार फिर नये चेहरों को छत्तीसगढ़ चुनाव में जगह दे सकती है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजता के जीतने के बाद अब मुख्यमंत्री रमन सिंह किसी भी तरह का जोखिम लेने के पक्ष में नहीं होंगे।
कौन हैं रमन सिंह?
डॉ॰ रमन सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के वर्तमान कबीरधाम जिले के ग्राम ठाठापुर में एक किसान के परिवार में 15 अक्टूबर, 1952 को हुआ था। उन्होंने 1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन में बीएएमएस की उपाधि प्राप्त की, मगर रमन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ से की थी। बाद में रमन सिंह को तत्कालीन अटल बिहारी बाजपेयी ने अपनी सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बनाया। देश में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन वर्ष 2000 में किया गया था। 2003 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा। तब से लगातार तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा से मुख्यमंत्री रमन सिंह छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि 2018 में क्या मुख्यमंत्री रमन सिंह लगातार चौथी बार छत्तीसगढ़ में जीत का परचम लहरा पाएंगे।
जीत के बाद बोले रमन सिंह
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने खुशी जताते हुए कहा था कि गुजरात में पिछले 22 वर्षों से भाजपा की सरकार काम कर रही है और अगले पांच साल के लिए राज्य की जनता ने एक बार फिर भाजपा को सत्ता सौंपी है। भाजपा की नीतियों की वजह से ही जनता ने भाजपा के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया है। आने वाले लोकसभा चुनाव में भी केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी।
शुरू हो चुकी है चुनावी हलचल
छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी हलचल शुरू हो चुकी है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री रह चुके अजीत जोगी ने अगले विधानसभा चुनाव को लेकर बीते अक्टूबर माह में ही यानि एक साल पहले ही अपनी पार्टी ‘छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस‘ के 11 विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवारों को घोषणा कर दी। उम्मीदवारों की इस लिस्ट में दो पूर्व विधायक और एक पूर्व आईएएस अधिकारी का भी नाम शामिल है।
इन राज्यों में है भाजपा का वर्चस्व
देश में 19 राज्यों में भाजपा या उसकी अगुआई वाले फ्रंट एनडीए की सत्ता कायम है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, नागालैंड और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।