कर्नाटक: SC का फैसला- स्पीकर लें बागी विधायकों पर निर्णय, सदन में फ्लोर टेस्ट कल

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लखनऊ। कर्नाटक में चल रहे सियासी हंगामे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस संबंध में स्पीकर को निर्णय लेने की खूली छूट है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी 18 जुलाई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना भी करेंगे। ऐसे में बागी विधायकों का सियासी भविष्य अब फिर से एक बार स्पीकर रमेश कुमार के हाथों में है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने फैसले में कहा कि स्पीकर को पूरी आजादी है कि वह नियमों के मुताबिक फैसला करे। स्पीकर विधायकों के इस्तीफे से लेकर उनके अयोग्यता तक पर फैसले लेने को स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि बागी विधायकों पर विधानसभा में जाने को लेकर कोई दबाव नहीं है।

येदियुरप्पा ने भी सरकार बनाने की कसी कमर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीएस येदियुरप्पा ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि कुमारस्वामी को इस्तीफा दे ही देना चाहिए। उन्होंने कहा उन्हें पूरा विश्वास है कि बहुमत हमारे साथ होगा। येदियुरप्पा ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस-जेडीएस की ओर से जारी व्हिप लागू नहीं होगा। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने कहा है कि वह कानून कोई भी फैसला कानून तहत ही लेंगे।

गठबंधन के 16 विधायकों ने दिया था इस्तीफा

दरअसल बीते दिनों कांग्रेस के 13 और जद( एस) के 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। केपीजेपी और एक निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 225 से घटकर 209 तक हो जाएगी। बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस और जद(एस) गठबंधन 105 सीटों की जरूरत होगी। इस स्थिति में गठबंधन के पास केवल 100 सीटें ही होंगी और उन्हे सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है।

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कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की सरकार बचेगी या जायेगी यह गुरूवार को फ्लोर टेस्ट के बाद सामने आ जाएगा। इधर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अपनी कुर्सी बचाने की कवायद में है तो येदियुरप्पा भी मौका देखकर अवसर भूनाने की पूरी कोशिश करेंगे।

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