‘जोदी तोर डाक शुने केउ ना आशे दीदी एकला चलो रे’

लखनऊ। जोदी तोर डाक शुने केउ ना आशे तोबे एकला चलो रे तोबे एकला चलो, एकला चलो, एकला चलो, एकला चलो रे— रवींद्र नाथ ठाकुर की इन पंक्तियों के साथ ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल से बाहर निकल कर अब पूरे देश की राजनीति करने जा रही हैं। दीदी का एक नारा है मां, माटी और मानुस जिसको पूरे देश में फैलाने के लिए नोटबंदी का सहारा लिया गया है।

लखनऊ में पहली रैली आज, अगली रैली पटना में

इसी नोटबंदी के विरोध के सहारे नरेंद्र मोदी के खिलाफ खुद को एक राष्ट्रीय स्तर की नेता के तौर पर ममता बनर्जी स्थापित करना चाह रही हैं। इसलिए अब वे पूरे देश में राजनीति करेंगी। जिसकी शुरुआत राज्यों की राजधानी में रैली करने से हो रही है। देश में इस समय नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई सशक्त नेता नहीं नजर आ रहा है।

मगर करीब तीन महीने पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के बड़े प्रतिशत के आधार पर राष्ट्रीय दल का दर्जा दे दिया गया है। जिसके बाद में अब टीएमएस सुप्रीमो की नजर देश की राजनीति पर है। इसलिए नोटबंदी के सहारे वे पूरे देश में अपने प्रति जनता के नजिरये को भापेंगी।

मुस्लिम वोटों पर नजर

ममता बनर्जी बंगाली समुदाय के अलावा मुस्लिम वोटों पर भी नजर गड़ाए हुए हैं। यहां प्रेस क्लब में सोमवार को हुई प्रेस वार्ता में टीएमसी सांसद मुकुल रॉय के साथ दो मुस्लिम चेहरे बैठाए गए। इसी गठजोड़ पर फिलहाल दीदी की पहली नजर है। बाकी आगे अन्य वर्गों को भी ममता अपने साथ जोड़ेंगी। टीएमसी सांसद मुकुल रॉय स्पष्ट कहते हैं कि टीएमएस अब राष्ट्रीय पार्टी है। हम वोट प्रतिशत के आधार पर देश की सातवीं राष्ट्रीय पार्टी हो चुके हैं। मगर अभी फिलहाल दीदी देश पर आए संकट को लेकर हर राजधानी में जाएंगी। जिससे लोगों की तकलीफ को कम करने में हम आगे आ सकें।

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