नई दिल्ली। कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के लिए अगले 24 घंटे काफी भारी गुजरने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे बहुमत साबित करने को कहा है।
कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए भाजपा का आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस और देवगौड़ा के जदयू की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हए 15 दिन की जगह 24 घंटे का समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत साबित करने को कहा है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को किसी भी नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगा दी है। कांग्रेस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला बताया।
फिलहाल इसके बाद कर्नाटक में सियासी घमासान जारी है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104, जीडीएस को 38 और कांग्रेस को 78 सीटें हासिल हुई हैं। चुनाव के बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि इससे उनकी पार्टी के इस रुख की पुष्टि होती है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने असंवैधानिक ढंग से काम किया। उन्होंने कहा, “संख्या के बिना सरकार गठन के भाजपा के दावे को न्यायालय ने खारिज किया है।” राहुल ने दावा किया कि कानूनी रूप से रोके जाने के बाद भाजपा अब सत्ता हासिल करने के लिए धन और बल इस्तेमाल करने का प्रयास करेगी।
वहीं, कर्नाटक भाजपा महासचिव शोभा कारनदलाजे ने कहा, “हम शक्ति परीक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं, बहुमत साबित करने का विश्वास है।”
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “संविधान की जीत हुई, लोकतंत्र बहाल हुआ। बीएस येदियुरप्पा एक दिन के मुख्यमंत्री होंगे। संविधान एक गैरकानूनी मुख्यमंत्री और कर्नाटक के राज्यपाल के असंवैधानिक निर्णय को भी खारिज करता है।”