लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा को मिली करारी हार से उबरने और कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को अपनी कोर कमेटी के साथ बैठक की।
जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के कार्यालय में हुई बैठक में निर्वतमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार की रणनीति संभाल रहे अपनी टीम के लोगों से चुनाव में हार क्यों मिली इसकी जानकारी भी ली। अखिलेश यादन ने इस बात पर हैरानी भी जताई की प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रचार और रैली करने के बाद भी आखिर उनको जीत क्यों नहीं मिली। कार्यकर्ताओं से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी रैली में जो भीड़ आ रही थी आखिर उसने पार्टी को वोट क्यों नहीं दी।
EVM में गड़बड़ी की आशंका और बसपा सुप्रीमो मायावती का EVM पर सवाल उठाने के मुद्दे पर सपा प्रमुख ने कहा कि इस मामले में जांच पड़ताल के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी इस बैठक में मौजूद रहे अखिलेश यादव के खास और उनकी सरकार में मंत्री रहे बलवंत रामूवालिया ने बताया कि इस बैठक बैठक में EVM पर विशेष रूप से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सपा के रैलियों में उमड़ी भीड़ अखिलेश यादव सरकार ने जनता के लिए जो काम किए उसके बाद भी सपा की हार किसी के गले उतर नहीं रही है। लेकिन जबतक EVM की गड़बड़ी की बात सिद्द नहीं हो जाती पार्टी इसपर कुछ नहीं करेगी, अगर जांच के बाद EVM में गड़बडी मिलती है तब पार्टी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
समावादी पार्टी की हार के बाद अखिलेश यादव ने पहली बार हार की समीक्षा की लेकिन पार्टी को इतनी बड़ी हार क्यों मिली इसको लेकर किसी एक निर्णय पर पार्टी नहीं पहुंची। 16 मार्च को समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अखिलेश यादव नए विधायकों के साथ विचार-विर्मश के बाद समाजवादी विधायल दल के नेता की घोषणा करेंगे। इसके बाद अगले एक सप्ताह के अंदर समाजवादी पार्टी अपने सभी उम्मीदवारों के साथ बैठक करके हार के कारणों की तलाश करेगी।
इस बैठक में जीते औ हारे सभी उम्मीदवार शामिल होंग। विधानसभा चुनाव में सपा के चुनाव प्रचार में कहां कमियां रह गई और बीजेपी कैसे जनता का विश्वास जीतने में सफल रही इसका पता लगाने के लिए अखिलेश यादव एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन करने वाले हैं, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही प्रोफेशनल्स लोगों की भी मदद ली जाएगी। यह कमेटी आने वाले साल 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के अनुसार ही लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी रणनीति की काट निकाली जाएगी।