तस्वीरों में देखिए कैसे मनाया गया छठ महापर्व

देश भर में छठ महापर्व मनाया गया, देश ही नहीं विदेशों में भी लोग छठ मनाते हैं, तस्वीरों में देखिए कैसे मनाया गया उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना नदी के किनारे छठ पर्व
chhath Pooja 2024

छठ पर्व, जिसे सूर्य पूजा के नाम से भी जाना जाता है, विशेष रूप से भारत के पूर्वी राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व दिवाली के आठ दिन बाद आता है, जब लोग सूर्य देव और जल देवताओं की आराधना करते हैं, उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए। इस दौरान भक्त कठिन व्रत रखते हैं, जिसमें उन्हें बिना अन्न ग्रहण किए रहना पड़ता है।

व्रत के दौरान वे उगते और डूबते सूर्य को जल, दूध, फल, और अन्य पारंपरिक व्यंजन जैसे ठेकुआ अर्पित करते हैं। छठ पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति और जीवन के प्रति कृतज्ञता जताने का भी पर्व है, जिसमें सूर्य की ऊर्जा और जल के महत्व को विशेष मान्यता दी जाती है।

सूर्य की आराधना और श्रद्धा की परंपरा: छठ पर्व पर व्रती नदी और तालाब के किनारे व्रत रखकर उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हुए जीवनदायिनी ऊर्जा का आशीर्वाद मांगते हैं।
प्रकृति के प्रति आभार: छठ पूजा के अवसर पर भक्त सूर्य देव को जल, दूध और प्रसाद अर्पित कर अपनी आस्था और समर्पण प्रकट करते हैं, जीवन और प्रकृति की महत्ता को पूजते हैं।
सूर्य और जल देवता की उपासना का पावन पर्व: छठ पूजा के दौरान भक्त अपने व्रत और पूजा-अर्चना के साथ यमुना किनारे प्रकृति से अपने गहरे संबंध को व्यक्त करते हैं।
सूर्य देव की कृपा पाने के लिए व्रत और पूजा: छठ पर्व के अवसर पर भक्तगण यमुना तट पर एकत्रित होकर उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं, यह पर्व आस्था, प्रकृति और परिवार के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
धर्म और प्रकृति के प्रति समर्पण: छठ पर्व पर व्रतधारी नदी और तालाब के तट पर सूर्य देवता को अर्घ्य देकर अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं, जो जीवन में ऊर्जा, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

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