स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
गोंडा। किसानों की उपज बढ़ाने के लिए खेतों को समय पर पानी मिले इसके लिए कृषि विभाग ने किसानों को सोलर पंप देने की योजना लागू की जिसके तहत सौ किसानों को सोलर पंप दिया जाना था, लेकिन पंजीयन 505 किसानों का हो गया। उस समय किसानों ने 23500 का ड्राफ्ट अगस्त 2016 में जमा किया, लेकिन साल भर कोई कार्रवाई नहीं हुई, अब सोलर पंप की कीमत सरकार ने बढ़ाकर 50 हजार व अस्सी हजार कर दिया तो किसान अपना जमा ड्राफ्ट लेने को मजबूर हो गए।
रूपईडीह विकास खंड के खुर्द पिपरा निवासी अनिल कुमार ने बताया कि अगस्त 2016 में सोलरपंप के लिए अंशदान 23500 रूपये का डृाफट जमा किया, एक साल बाद तक सोलरपंप नहीं मिला, अब सरकार ने किसानों का अंशदान बढा दिया तो पैसा वापस ले रहें हैं।
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जिले में बीते साल किसानों को सोलर पंप देने के लिए सौ की संख्या में लक्ष्य आया, लेकिन किसानों का पंजीयन 505 करा दिया गया और इन किसानों ने 23500 रूपये का ड्राफ्ट विभाग में जमा कर दिया, इन किसानों को तत्कालीन कृषि मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह ने लक्ष्य बढाने का दिलासा दिया लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। नई सरकार बनी तो सोलर पंप की किसान धनराशि 23500 रुपए से बढ़ाकर 50820 रुपए कर दी गई। इससे चार सौ किसानों का सोलर पंप भाग्य से भटक गया, अब ये किसान अपनी जमाधनराशि वापसी के लिए उपनिदेषक कृषि कार्यालय आ रहे हैं।
वजीरगंज विकास खंड के गेडसर गाँव के गुलाब सिंह ने सोलरपंप का पैसा वापस ले लिया, कारण सोलर पंप की धनराषि बढ गई। गुलाब सिंह का कहना है कि एक साल तक यह धनराषि विभाग के पास पडी रही, यहीं पैसा बैंक में होता तो कम से कम ब्याज मिलता। दो एचपी सोलर पंप का अंषदान 50 हजार 820, तीन एचपी सोलर पंप 80 हजार 976, पांच एचपी का सोलर पंप दो लाख 5200 रूपये का अंषदान जमा किया जाना है, इसके लिए अब पंजीयन कराया जाना है।
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उपनिदेशक कृषि डॉ. मुकुल तिवारी कहते हैं, “बीते साल सौ किसानों के लिए सोलरपंप का लक्ष्य आया था जिसे दिया गया, बाद में माननीय मंत्री के मौखिक निर्देशन में लक्ष्य बढने क प्रत्याषा में चार सौ पांच किसानों का सोलर पंप के लिए पंजीयन हो गया लेकिन यह लक्ष्य बढ़ नहीं पाया, नयी व्यवस्था के तहत किसान अंश बढ़ा दिया गया है।”
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