नयी दिल्ली। भारत बांग्लादेश से आयात होने वाले जूट (टाट) से बने वस्त्रों भी डंपिंगरोधी शुल्क लगा सकता है। वाणिज्य मंत्रालय को पता लगा है कि टाट से बनी बोरी के आयात पर लागू डंपिंगरोधी शुल्क से बचने के लिए इस तरह के टाट से बने वस्त्रों का आयात किया जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा, डम्पिंगरोधी एवं सम्बद्ध शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) ने पड़ोसी देश से टाट बोरों पर लगने वाले डंपिंगरोधी शुल्क से बचने के इस मामले में जांच शुरू की है।
भारतीय जूट मिल्स संघ (आईजेएमए) ने प्राधिकार के समक्ष इस संबंध में एक आवेदन पत्र दाखिल किया है कि टाट के बोरों पर लगने वाले शुल्क से बचने के लिये टाट से आधे-अधूरे तैयार कपड़ों का आयात किया जा रहा है, जिसका आयात होने के बाद आसानी से टाट बोरी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
डीजीएडी ने एक अधिसूचना में कहा है कि उसे बांग्लादेश से जूट बोरों पर डंपिंग-रोधी शुल्क से बचने के “प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य” मिले है। वित्त मंत्रालय ने जनवरी 2017 में घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए जूट बोरों के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया था।
याचिकाकर्ता ने जूट से बने कपड़ों के आयात पर भी इस डंपिंग रोधी को लागू करने का आग्रह किया है। जिस उत्पाद की जांच की जा रही है वह टाट से बने कपड़े हैं। आरोप है कि इसका आयात टाट बोरी पर पहले से लागू डंपिंग रोधी शुल्क से बचने के लिये किया जा रहा है, इन कपड़ों का इस्तेमाल बाद में बोरी बनाने के लिए किया जा रहा है।
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इनपुट भाषा
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