लखनऊ। अपनी पिछली कुछ ख़बरों में हमने आपको गेहूं और धान में किसानों के लागत, उपज और मुनाफे का गणित बताने की कोशिश की थी, इस बार गांव कनेक्शन आपको मूंगफली की खेती में लागत और किसान को मुनाफे या घाटे का गुणाभाग समझाने की कोशिश कर रहा है।
गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में मूंगफली की खेती होती है। मूंगफली को गरीबों का बादाम भी कहा जाता है। मूंगफली के तेल के कई प्रोडक्ट बनते हैं। इस सीजन में मूंगफली की फसल कट चुकी है और किसान उसकी बिक्री कर रहा है। लेकिन 5-6 महीने की मेहनत और हजारों रुपए की लागत के बाद जो उसके हाथ आया है वो निराश करने वाला है।
सरकार ने घोषित किया है 4450 रुपए का मूल्य, बाजार में भाव 3000-3500 रुपए
सरकार ने देशभर में मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4450 रुपए प्रति कुंटल घोषित किया है, लेकिन बाजार में किसान को काफी कम कीमत मिल रहा है। ये रेट 3000 से लेकर 4000 रुपए प्रति कुंटल तक हैं। राजस्थान में ये 3000-3500 रुपए क्विंटल बिक्री कर रहे हैं तो गुजरात में ये रेट 3500-4000 के बीच हैं। यूपी के पूर्वांचल में भी किसानों को बाजार पूरे दाम नहीं मिल रहे हैं।
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में मूंगफली का हब बनते जा रहे बीकानेर मंडल में बीकानेर जिले के रहने वाले जागरुक किसान आसुराम गोदारा ने गांव कनेक्शन को अपने मूंगफली की खेती में प्रति हेक्टेयर का खर्च ब्यौरा लिखकर भेजा है। राजस्थान में बारिश कम होने से मूंगफली की काफी कम पैदावार हुई है तो अब अच्छा रेट न मिलने किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है।
राजस्थान के किसान आसूराम गोदारा ने बताया लागत और मुनाफे के बीच का अंतर
आसुराम गोदारा के पास 6 हेक्टेयर जमीन है, जिसमें उन्होंने 4 हेक्टेयर में मूंगफली बोई थी। एक हेक्टेयर मूंगफली की खेती का खर्च जुताई, बीज उपचार, लेवलिंग, सिंचाई, कीटनाशक, उर्वरक और कटाई, बिनाई मिलाकर कुल 89240 रुपए का खर्च आया। गोदारा कहते हैं, “मूंगफली में खेती में शुरु से लेकर आखिरी तक मैं करीब 6 महीने लगा रहा, मैंने और मेरे परिवार ने रखवाली की। उसका कोई खर्च जुड़ा नहीं है। अब पैदावार हुई है करीब 12 क्विंटल। मैंने बेचा है 3500 रुपए में यानि 42000 रुपए की कुल मुंगफली निकली। अगर सराकरी रेट पर भी बेचते तो (53400 बिक्री- 83270 लागत ) तो भी 35840 का नुकसान होता।”
आसूराम आगे कहते हैं, इस बार सूखा पड़ा है। वर्ना 20-24 क्विंटल मूंगफली होती। घाटा तभी भी होता लेकिन उतना नहीं। लेकिन वसुंधरा राजे सरकार को ये दिखाई नहीं देता। पूरे बीकानेर संभाव (बीकानेर, चुरु, हनुमानगढ़, गंगानगर) और जोधपुर के कुछ इलाकों में मूंगफली होती है, और यहां बारिश बहुत कम हुई। लेकिन सरकार सूखा ही घोषित नहीं कर रही, कि किसान को कुछ राहत मिल जाए।’
आसूराम गोदारा के एक हेक्टेयर फसल का गणित
3200 रुपए खेत जोताई
1200 रुपए- बराबर (हेरा)
2600 रुपए- डीएपी (उर्वरक)
1200 रुपये- खेत लेवलिंग ( समतलीकरण)
1500 रुपये खरपतवारनाशक
500 रुपए- खरपतवारनाशक छिड़कने के लिए मजदूरी
26400 रुपए- ( 240 किलो बीज लगा, 110 रुपए में खरीद था।)
1200 रुपए- फफूंदनाशक से बीज उपचार किया।
3000 रुपए- गोजा कीटनाशक बीज उपचार ( वाइट ग्रेव) बीज ट्रीटमेंट- करीब 14000 रुपए लीटर आती है)
1600 रुपए- मूंगफली बीज बीजाई खर्च
1200 रुपए- यूरिया दो बार
2240 सल्फर- 16 किलो
1600 माइक्रोन्यूट्रन 20 किलो
3600 निराई-गुड़ाई खर्च
6000 ऊपर से गोजा के लिए किटनाशक- पौधे बचाने के लिए
1600 टीकारोग के लिए स्प्रे दवा
800 ग्रोथ प्रमोटर स्प्रे
500 स्प्रे ट्रैक्टर खर्च
6000 मूंगफली कटाई व चुगाई-बीनने में
4800 नेणा कराने की मजदूरी 16 आदमी (बंडल बनाने के)
3000 रुपए कटी फसल को इकट्ठा करने की मजदूरी 10 आदमी
3600 थ्रेसर खर्चा
3000 रुपए थ्रेसर पर मजदूर
1200 रुपए मंडी पहुंच भाड़ा
1350 रुपए मंडी में तुलवाई खर्च
6350 बिजली बिल
कुल खर्चा – 89240
इसमें 6 महीने मैंने पानी लगाया रखवाली की उसका कोई खर्च नहीं जुड़ा हुआ है।
अब मूंगफली का उत्पादन हुआ है 1 हेक्टर में 12 क्विंटल वर्षा नहीं होने की वजह से, अच्छी वर्षा होती है तो लगभग एक हेक्टर में 20 से 24 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन होता है गफली का बाजार में भाव है 3200- 3500 रुपए प्रति क्विंटल
12×3500= 42000
खर्च आया=89240
घाटा हुआ एक हेक्टर में 47240 रुपए कुल 4 हेक्टर मूंगफली बिजाई कर रखी है
टोटल घाटा हुआ 188960 रुपए
अगर यह मूंगफली समर्थन मूल्य पर भी सरकार खरीदती है (जो अभी तक शुरू नहीं हुई है)
तो भी किसान को घाटा होगा समर्थन मूल्य और बाजार भाव में 950 रूपय का फर्क है जो एक हेक्टर पर 11400 रुपए का फर्क पड़ेगा और 4 हेक्टर पर 45600 रूपय का
(नोट- गोदारा ने प्रति हेक्टेयर लागत और मुनाफा खुद उनका आंकलन है)