लखनऊ। कृषि विदेश व्यापार एवं विपणन,(मंडी परिषद) उत्तर प्रदेश इस वर्ष भी किसानों को मेंथा ऑयल के अच्छे उत्पादन की संभावना जता रहा है। लगातार वैश्विक बाज़ार में मेंथा की बढ़ रही मांग के चलते अब किसान बड़ी मात्रा में मेथा की व्यवसायिक खेती कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश कृषि विदेश व्यापार एवं विपणन इकाई के सह निदेशक डॉ.दिनेश चंद्र बताते हैं, ‘’मौजूदा समय में मेंथा ऑयल के कुल उत्पादन का 92 प्रतिशत का हिस्सा सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही मिलता है। मेंथा ऑयल के वैश्विक निर्यात की बात करें तो मेंथा निर्यात बाज़ार में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 86 प्रतिशत है।”
देश में सबसे पहले मेंथा की खेती की शुरुआत वर्ष 1950 में जापानी मेंथा के पौधों के साथ शुरू हुई थी, तब इसे जापानी पुदीना के नाम से जाना जाता था। उत्तर प्रदेश में मेंथा ऑयल का सबसे अधिक उत्पादन बाराबंकी, सीतापुर, लखनऊ, बलरामपुर और बरेली जिले में होता है।
‘’पिछले तीन वर्षों से मेंथा ऑयल के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हुई है। भारत पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा जापान को मेंथा ऑयल निर्यात करता है। इस बार भी किसानों को मेंथा की अच्छी पैदावार मिलने की संभावना है।” डॉ.दिनेश चंद्र आगे बताते हैं।
देश में वर्तमान समय में मेंथा की खेती कुल एक लाख हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र की कृषिभूमि में होती है। इसका वैश्विक उत्पादन 20 हजार टन है, जिसमें 16 हजार टन तेल अकेले भारत से मिलता है।
रिपोर्टर – देवांशु मणि तिवारी