लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश में किसान उत्पादक संगठन (FPO) और एफसीपी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में संसोधित आदेश जारी किए हैं।
प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग के उप सचिव अशोक कुमार मिश्रा ने बृहस्पतिवार को धान क्रय नीति में एफपीओ और एफसीपी को शामिल करने संबंधी संसोधित दिशा-निर्देश जारी किया। संसोधित निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि सोसायटी एक्ट में पंजीकृत एफपीओ और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से पंजीकृत एफसीपी मंडी समिति, कृषि विभाग और खाद्य विभाग से संबद्ध होकर धान की खरीद कर सकेंगे।
नए आदेश में कहा गया है कि एफपीओ अगर एक जिले में खरीद करना चाहते हैं तो उन्हें जिलाधिकारी जबकि एक से अधिक जिलों में खरीद के लिए खाद्य आयुक्त से संस्तुति लेनी होगी।
संसोधित नीति में एक शर्त जोड़ी गई है। जिसके मुताबिक वही एफपीओ और एपसीपी खरीद कर पाएंगे, जिनके खाते में 50 लाख रुपए की कार्यशील पूंजी (working capital) हो। इस संबंध में उन्हें सबूत देना होगा। विभाग के मुताबिक ये शर्त इसलिए जोड़ी गई है ताकि किसानों से खरीद और दूसरी प्रक्रिया में किसी तरह की दिक्कतें न आएं।
यूपी सरकार ने 70 लाख मीट्रिक टन का खरीद का रखा है लक्ष्य
सरकार ने इस बार करीब 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया है। पारदर्शी खरीद के लिए पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। किसानों से धान खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटोयुक्त पहचान प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड के आधार पर की जा रही है।
खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार 8 अक्टूबर को सुबह 11.20 बजे तक 1059 खरीद केंद्रों के जरिए 24.32 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इस वर्ष अब तक एमएसपी पर धान बेचने के लए 168567 किसानों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
प्रदेश में लखनऊ सम्भाग के हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान खरीद 1 अक्टूबर से जारी है। जो 28 फरवरी तक चलेगी। इसके अलावा बाकी के जिलों में लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 1 नवम्बर से खरीद शुरु होगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी।
धान खरीद के लिए प्रदेश में 4000 केंद्र बनाएं गए हैं या जा रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी.सी.एफ) के 1500 हैं, जबकि खाद्य विभाग की विपणन शाखा (1100), उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी.सी.यू.) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 200, उ.प्र. उपभोक्ता सहकारी संघ (UPSS) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय प्रस्तावित है।
यूपी में धान खरीद के लिए योगी मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर को मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष (KMS) 2021-22 में लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए धान क्रय नीति निर्धारित को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। केंद्र सरकार ने खरीद वर्ष 2021-22 में कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है।
देश में 5 अक्टूबर तक पौने तीन लाख मीट्रिक टन धान की खरीद
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि खरीफ विपणन सीजन 2021-22 में देशभर में 5 अक्टूबर तक 30,000 (30 हजार किसानों से ) किसानों से (287,552) 2 लाख 87 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है। जिसके बदले किसानों को 563.60 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान हुआ है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि खरीफ सीजन 2020-21 की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है। इस दौरान 5 अक्टूबर तक कुल 894.24 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें खरीफ सीजन का 718.09 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल 176.15 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है। पिछले साल की इसी अवधि में 768.70 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान की खरीद की गई थी।