अगर आप डिब्बा बंद खाने का सामान जैसे चिप्स, चीज़, घी और आटा खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले उसकी क्वालिटी देखते हैं। खाद्य सामानों की गुणवत्ता जानने के लिए लोग पैकेट पर छपे एपमार्क को देखकर जान पाते हैं कि उस फूड प्रोडेक्ट की क्वालिटी अच्छी है या नहीं। छोटे उद्योगों व कृषि संबंधित कंपनियों को अपना सामान बाज़ार में उतारने से पहले अपने उत्पाद का एगमार्क रजिस्टर्ड करना ज़रूरी होता है। एगमार्क खाद्य उत्पादों में किसी भी तरह की मिलावट न होने का एक प्रमाण भी माना जाता है। आइये जानते हैं आसानी से ऐगमार्क पंजीकरण कराने की प्रक्रिया के बारे में।
ग्राहकों को शुद्ध और अच्छी क्वालिटी के खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि उत्पाद ( वर्गीकरण और चिन्ह दिए जाने) के अधिनियम 1937 के अंतर्गत कृषि खाद्य पदार्थों का एगमार्क वर्गीकरण क्वालिटी मेंनटेनेन्स के लिए किया जाता है। बाज़ार ने कोई भी कृषि उत्पाद उतारने से पहले इनकी पैकिंग जिन पैकेटों में की जाती है, उनपर एगमार्क का लेबल लगाया जाता है, जिसे उस उत्पाद का एगमार्क कहते है।
कृषि उत्पादों के लिए एगमार्क रजिस्टर करने के तरीके
एगमार्क का पंजीकरण दो प्रकार के कृषि उत्पादों के लिए किया जाता है।
कृषि उत्पाद – इन खाद्य पदार्थों का फिज़िकल ट्रीटमेंट होने के बाद ही इन्हें एगमार्क दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर फल, सब्जियां, अंडा ।
प्रोसेस्ड फूड प्रोडेक्ट – इन खाद्य पदार्थों का कैमिकल ट्रीटमेंट होने के बाद ही इन्हें एगमार्क दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर शहद, मसाले, घी, तेल, आटा, बेसन।
कैसे करवाएं अपना एगमार्क रजिस्टर्ड
जो व्यवसायी अपने खाद्य पदार्थों का एगमार्क रजिस्टर करवाना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले उस बेचे जाने वाले उत्पाद का अधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करना पड़ता है। यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार प्रदान करती है। इस प्रमाण पत्र को हासिल करने के लिए व्यवसायी को भारत सरकार की तरफ से निर्धारित किया गया आवेदन पत्र के लिए आवेदन करना पड़ता है। इस आवेदन पत्र के लिए व्यवसायी कई कागजात देने होते हैं जैसे – कंपनी का ब्लू प्रिंट , पैकिंग मैटीरियल का नमूना, उद्योग का प्रमाण पत्र , ट्रेड या ब्रांड का नमूना और उससे संबंधित हलफनामा। जमा किए गए इन डॉक्यूमेंट्स के अप्रूवल के बाद व्यवसायी एगमार्क का धारक (पैकर) हो जाता है।
अधिकार प्रमाण पत्र के लिए 2,000 रुपए फीस भारत सरकार को देय होती है, अधिकार प्रमाण पत्र व्यवसायी को सीमित अवधि के लिए दिया जाता है। अधिकार प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए 500 रुपए की फीस भारत सरकार को देय होती है।