बारिश में भीगी गेहूं की फसल, कई राज्यों में अगले 2-3 दिन बारिश की चेतावनी

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लखनऊ। बारिश, आंधी और ओलावृष्टि एक बार फिर किसानों के लिए मुसीबत बन रही हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है तो हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में कई जगह बारिश झमाझम बारिश का दौर चला है जो आगे भी जारी रह सकता है।

बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों में खेतों में कटाई का इंतजार कर रहा गेहूं भीग गया। जबकि जिन किसानों ने हाथ से कटाई की थी, उनकी भी फसल भीग गई। जो किसान थ्रेसिंग कर चुके थे उनके भूसे के हवा और बारिश से नुकसान पहुंचा है। हाथ से काटी गई फसलों को बोझों को किसानों को अब दोबारा सुखाना पड़ेगा जबकि खड़ी फसल जहां-जहां बारिश के चलते गिरी है उसका असर उत्पादन पर पड़ सकता है।

अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश कई जगहों पर हो सकती है। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। पश्चिम बंगाल, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, आंतरिक तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, उत्तरी पंजाब और उत्तरी हरियाणा में एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है।

भारतीय मौसम विभाग ने 19 अप्रैल के लिए जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल,असम मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ, तेलंगाना, तेलंगाना, ओडिशा और कर्नाटक से लेकर आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बारिश की संभावना जताई। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए चेतावनी भी जारी की गई। राजस्थान में धूल भरी आंधी की चेतावनी जारी की गई। ( मौसम की ताजा जानकारी के लिए आईएमडी की वेबसाइट पर जाएं-)

मौसम विभाग की वेबसाइट के मुताबिक बारिश का ये सिलसिला कुछ कुछ राज्यों में 22 फरवरी तक चलेगा। हालांकि ज्यादातर इलाकों में 20 तारीख के बाद मौसम साफ हो सकता है।

यूपी के अयोध्या में स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तहत किसानों के लिए जारी साप्ताहिक बुलेटिन में किसानों से कहा है कि वो फसल कटाई का कार्य जल से जल्द पूरा करें। पूर्वी यूपी के गोरखपुर समेत कई इलाकों में 21-22 अप्रैल को बारिश हो सकती है।

मार्च के बाद अप्रैल महीने में मौसम का रुख बदला हुआ है। मार्च महीने में कई दौर की भारी बारिश के चलते अनाज और फल-सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट के मुताबिक मार्च में बारिश के कई स्पेल के बाद अप्रैल में पहली बार जबर्दस्त बारिश का नजारा देखा गया है। प्री-मॉनसून सीजन में पहाड़ों पर सामान्य से अधिक बारिश लगातार जारी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में अभी भी बना रहेगा, जिससे अनुमान है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख में अगले 48 घंटों के दौरान कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जाएगी।

19 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां बनी रहेंगी। 22 अप्रैल से बारिश में कुछ कमी आएगी। लेकिन हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में कुछ स्थानों पर बारिश जारी रहेगी।

बीते 24 घंटों में पहाड़ी राज्यों में मनाली में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा। मनाली में इस दौरान 52 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई। जम्मू कश्मीर के भुंतर में 39 मिलीमीटर, बनिहाल में 38 मिलीमीटर, काजीगुंड में 30 मिलीमीटर बारिश हुई है।

हिमाचल प्रदेश के शिमला में भी 19 मिलीमीटर की मध्यम से तेज वर्षा रिकॉर्ड की गई। जबकि जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में 18 मिलीमीटर, जम्मू में 16 मिलीमीटर वर्षा हुई है। हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में 16 मिलीमीटर बारिश हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ 17 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा था जिसके प्रभाव से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा हो रही है।

अगला स्पेल आयेगा 23 अप्रैल को

स्काईमेट के मुताबिक वर्तमान मौसमी मॉडल्स संकेत कर रहे हैं कि 23 और 24 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में भारी वर्षा हो सकती है। अब तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार 1 मार्च से लेकर 18 अप्रैल के बीच जम्मू-कश्मीर में सामान्य से 11% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 

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