लंबे समय तक अनाज को सुरक्षित रखना है तो अपनाएं यह तरीके

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लखनऊ। इस समय रबी की फसलों के कटाई का समय होता है, कटाई के बाद सबसे जरूरी काम भंडारण का होता है। सही भंडारण न होने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कीट एवं कृषि जंतु विज्ञान विभाग के भूतपूर्व शोधार्थी रमेश सिंह यादव बताते हैं, “भारत में प्रतिवर्ष लगभग 15 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक अनाजों का नुकसान कटाई और भंडार गृहों में हो जाता है। यह नुकसान चिड़ियों, कीटों, चूहों, माईट, फफूंद आदि के द्वारा हो जाता है।

यह क्षति अनाजों में नमी, भंडारगृहों के तापमान में उत्तर-चढ़ाव और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर निर्भर करती है। इस प्रकार के भारी नुकसान से बचने के लिए किसान भाइयों को भंडारण से पहले ही योजना बनानी चाहिए। उन्हें यह पता होना चाहिए कि कुछ कीट जैसे- अनाजों के घुन, दाल का धोरा या घुन और अनाज का पतंगा ऐसे भी कीट हैं जो सीधे खेत से भंडारगृहों में आ जाते हैं, कुछ मड़ाई के दौरान, तो कुछ पुराने बोरों, बुखारियों या भंडारगृहों की दीवाल के दरारों से फिर संक्रमण करने आ जाते हैं।

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ऐसे करें बचाव, रखें सावधानी

  • बचाव के तौर पर भंडारगृहों की अच्छी तरह से हर संभव सफाई करें, दरारों की मरम्मत व सफेदी कर लेनी चाहिए।
  • भंडारगृहों की दीवारों, छतों और फर्श को 0.5 प्रतिशत मेलाथियान से तथा 1% के मेलाथियान के घोल में बोरों को 10 मिनट तक डुबोयें और इन्हें छाया में अच्छी तरह से सुखा लें।
  • अनाजों को भी अच्छी तरह सूखा लें जिसमें 9-10 प्रतिशत नमी हो। इसे पहचानने के लिए किसान भाई अनाज को दांत से कटे यदि कट की आवाज आती है तो भंडारण के लिए यही सही नमी प्रतिशत है।
  • किसान इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी गर्म आनाज न भंडारित करें इसे ठंडा हो जानें दें।
  • बीज के प्रयोग में लाये जाने वाले अनाजों को 1 किग्रा मेलाथियान को 100 किग्रा (1:100) आनाज में मिलाकर रखें परंतु खाने वाले अनाजों को केओलिन या ईंट के भट्ठों की राबिस को 1:100 के हिसाब से मिलाएं। खाने वाले अनाजों या दालों को किसी खाद्य तेल (सरसों का तेल) से 1:100 के दर मिलाकर रखने पर भी अच्छा रहता है।
  • किसान नीम की पत्तियों को अनाजों में मिलाकर रखते हैं। तो बता दे कि नीम की पत्तियों में इतना कीटनाशी गुण नहीं होता जितना कि उसके बीज में होता है। यदि उपलब्ध हो तो नीम के बीज के गिरी( नीम सीड कर्नल) को 1:100 की दर से अनाजों में मिलाकर रखना सबसे बेहतर है।
  • इस बात का बिल्कुल ध्यान होना चाहिए कि किसी भी प्रणालीगत (सिस्टमिक) कीटनाशी का प्रयोग नहीं होना चाहिए तथा गोदामों में 25 प्रतिशत जगह रिक्त रहनी चाहिए ताकि उनका निरीक्षण किया जा सके।
  • चूहों से बचने के लिए रैट प्रूफ कंटेनर का प्रयोग करें तथा वयस्क मांथों के लिए प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप) का प्रयोग कर इनसे बखूबी बचा जा सकता है । 

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