लखनऊ। सितम्बर महीने से ही किसानों रबी की फसलों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, रबी सीजन की प्रमुख फसल आलू की बुवाई का ये सही समय होता है, बुवाई से पहले कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान नुकसान से बच सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया श्रीवास्तव बताते हैं, “विषाणु रोग व झुलसा रोग अवरोधी प्रजाति कुफरी बादशाह और केवल झुलसा अवरोधी प्रजाति चिप्सोना एक, दो, या तीन का चयन करना चाहिए।”
अक्टूबर से शुरू हो रहे रबी सीजन में किसान सहफसली में आलू-राई, आलू-गेहूं, गन्ना-तोरिया, गन्ना-राई, गन्न-गेहूं, गन्ना मसूर, चना-अलसी और चना-राई की खेती कर सकते हैं। सहफसली खेती को ध्यान में रखते हुए कृषि विश्वविद्यलयों की तरफ से विभिन्न फसलों की कई नवीनतम किस्मों को भी विकसित किया है, जिसकी बुवाई करने से अधिक उत्पादन होता है।
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बीज व भूमि उपचार
बीज उपचार ट्राइकोडर्मा व स्यूडोमोनास पांच मिली/ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से करें।
भूमि उपचार के लिए पांच किलो ग्राम ट्राइकोडर्मा और स्यूडोमोनास को 250 कुंतल गोबर की खाद या 100 कुंतल केचुआ खाद
100 कुंतल केचुआ की खाद में मिलाकर प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें।
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फसल पूर्व कीट नियंत्रण
बुवाई से पहले खेत के आस-पास लोबिया, गाजर, सौंफ, सेम अल्फ़ा अल्फ़ा, सरसो इत्यादि की बुवाई करें।
रक्षक फसल जैसे ज्वार, बाजरा या मक्का की घनी चार कतार खेत के किनारे किनारे मुख्य फसल की बुवाई के एक माह पहले करें।
बुवाई से पहले खेत में नीम की खली 80 किलोग्राम प्रति एकड़ प्रयोग करें।
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खरपतवार प्रबंधन
फसल जमाव पहले खरपतवारनाशी आक्सीफ्लोरफेन 23.5 प्रतिशत ईसी की 170-340 लीटर मात्रा को 200-300 ली. पानी में मिलाकर प्रति एकड़ बुवाई के तीन दिन के अंदर प्रयोग करें।
पोषक तत्व प्रबंधन
मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संस्तुति के आधार पर उर्वरको का प्रयोग करें।
माइकोराइज़ा एवं प्लांट ग्रोथ प्रमोटिंग राइजो बैक्टीरिया का प्रयोग करें।