अप्रैल के आखिरी सप्ताह और मई के शुरूआत में मौसम के बदलाव से बारिश और तुफान से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार देश के कई राज्यों में अभी आंधी, बारिश और धूलभरी आंधी चल सकती हैं।
इस समय किसान पहले से ही कुछ सावधानी बरत कर नुकसान से बच सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ व क्षेत्रीय चक्रवात के प्रभाव के कारण 3 मई रात से 6 मई के बीच बीच में राज्य में बादल व मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बारिश से ज्यादा नुकसान ओलों से हो रहा है। जिन इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे हैं वहां मौसम का तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, कद्दू, लौकी, हरी मिर्च जैसी फसलों को नुकसान हुआ। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों के लिए सलाह जारी की है।
मौसम आधारित कृषि सलाह:-
1. बारिश की संभावना को देखते हुए किसानों को सब्जियों और जायद की दूसरी फसलों में कीटनाशक का छिड़काव सात मई तक रोक देना चाहिए।
2. रबी फसलों की कटाई, मड़ाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान रखें और कटाई मड़ाई जल्दी से जल्दी पूरी करें।
3. गेहूं की कटाई के बाद बंडल जरूर बांधे ताकि तेज हवा चलने से फसल बिखर न जाए।
3.भूसे को अच्छी प्रकार से ढके ताकि हवाएं चलने पर उड़ न सके और बारिश होने पर न भीगे।
4. कटी हुई फसल और मड़ाई के बाद अनाज को सुरक्षित स्थान पर अवश्य रखें।
5. बारिश की संभावना को देखते हुए किसान गेहूं, चना व सरसों मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध अपने साथ अवश्य रखें।
अन्य सलाह:-
1. कोरोना से रक्षात्मक बचाव के लिए कटाई, मड़ाई व मंडी में मास्क लगाए व एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें और साबुन व सेनेटाइजर से बार बार हाथ धोएं।
2. फसल कटाई के बाद गेहूं के अवशेषों को न जलाएं।
रीपर से भूसा बनाएं या अन्य मशीनों से अवशेषों को भूमि में दबाए और उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं।