इस समय आम में छोटे-छोटे टिकोले यानी आम लग गए हैं; लेकिन इसी समय कई तरह की बीमारियाँ और कीट भी इसे बर्बाद करने में लग जाते हैं, जिससे टिकोले सड़ कर गिर रहे हैं।
आम उत्पादक किसानों को रेड बैंडेड कैटरपिलर (Red Banded Mango Caterpillar – RBMC) या लाल पट्टी वाला छेदक कीट से सावधान रहने की आवश्यकता है। पिछले 4-5 वर्षों में इस कीट का व्यापक प्रकोप देखा गया है, जिससे कई जिलों में आम के उत्पादन को भारी नुकसान हुआ है।
कीट का प्रभाव और नुकसान
यह कीट आम के कच्चे फलों (टिकोलों) पर हमला करता है और जब तक फल पूरी तरह से नहीं पकता, तब तक उसे नुकसान पहुंचाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस कीट के कारण कई जिलों में 30% से 50% तक फलों का नुकसान हुआ है, जबकि कुछ बागों में यह क्षति 80% से 90% तक पहुंच गई है। अत्यधिक वर्षा और नमी वाले मौसम में यह कीट तेजी से फैलता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।

रेड बैंडेड कैटरपिलर की पहचान और जीवन चक्र
1. अंडा अवस्था
– अंडे का आकार 0.45 × 0.7 मिमी होता है।
– ताजे अंडे सफेद रंग के होते हैं, जो 2-3 दिनों में गहरे लाल हो जाते हैं।
– मादा पतंगा मुख्य रूप से फलों के डंठल (पेडुंकल) पर अंडे देती है, और आम के मार्बल स्टेज में इसका संक्रमण सबसे अधिक होता है।
2. लार्वा अवस्था
– लार्वा प्रारंभिक अवस्था में क्रीम रंग के होते हैं, जिनके सिर पर काले धब्बे होते हैं।
– धीरे-धीरे इनका रंग लाल और सफेद धारियों में बदल जाता है।
– यह लार्वा आम के गूदे में सुरंग बनाकर गुठली तक पहुंच जाता है, जिससे फल सड़ने लगते हैं और जल्द ही गिर जाते हैं।
अनुकूल परिस्थितियां और हानि का आकलन
इस कीट का प्रकोप गर्म और उमस भरे मौसम में अधिक होता है, खासकर मार्बल स्टेज के दौरान।
-भारत: 10% से 80% तक
-इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी: 30% से 40% तक
फिलीपींस और दक्षिण-पूर्व एशिया: 40% से 50% तक
यह स्पष्ट है कि रेड बैंडेड कैटरपिलर आम उत्पादन के लिए एक वैश्विक संकट बन चुका है।
कीट का प्रभावी प्रबंधन
1. बाग की स्वच्छता
– सड़े-गले और गिरे हुए फलों को नष्ट करें ताकि लार्वा और प्यूपा आगे विकसित न हो सकें।
– बाग में अनावश्यक गिरी हुई पत्तियों और शाखाओं को हटा दें।
2. यांत्रिक नियंत्रण (मैकेनिकल कंट्रोल)
– आम के छोटे फलों को बैगिंग (थैलियों से ढकना) करें ताकि कीट फलों तक न पहुंच सके।
– यह तरीका 100% प्रभावी हो सकता है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसे लागू करना कठिन होता है।
3. जैविक नियंत्रण (बायोलॉजिकल कंट्रोल)
– इस कीट के प्राकृतिक शत्रु जैसे परजीवी ततैया और परभक्षी कीटों को बढ़ावा दें।
– बायोपेस्टिसाइड्स का उपयोग करें।
4. रासायनिक नियंत्रण (केमिकल कंट्रोल)
यह कीट पारंपरिक कीटनाशकों से नियंत्रण में नहीं आता, लेकिन कुछ आधुनिक कीटनाशक प्रभावी पाए गए हैं:
– क्लोरीनट्रानिलिप्रोएल (कोरजेन) @ 0.4 मिली/लीटर पानी
– इमामेक्टिन बेंजोएट @ 0.4 ग्राम/लीटर पानी
– डेल्टामेथ्रिन 28 ई.सी. @ 1 मिली/लीटर पानी
पहला छिड़काव आम के फलों के मटर के दाने के बराबर होने पर करें और दूसरा छिड़काव दो सप्ताह बाद दोहराएं।
रेड बैंडेड कैटरपिलर आम के उत्पादन के लिए एक गंभीर खतरा है। इसकी समय पर पहचान और नियंत्रण बेहद जरूरी है। बाग की नियमित निगरानी, सही प्रबंधन तकनीकें अपनाकर और आवश्यकतानुसार कीटनाशकों का प्रयोग करके इस कीट से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आम के बागों पर सतर्क नजर रखें और यदि इस कीट के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नियंत्रण के उपाय करें।