जिस तरह से खेती में मित्र कीट होते हैं, उसी तरह ही कई तरह के शत्रु कीट भी होते हैं, बस हमें इन्हें पहचानने की ज़रूरत होती है। इसी तरह एक कीट सूत्रकृमि यानी निमेटोड भी होता है, ख़ासकर के सब्ज़ियों के किसानों का दुश्मन होता है।
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया के प्रभारी और प्रमुख वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैं, “किसान अपनी मेहनत से खेती करते हैं कि अच्छा उत्पादन मिलेगा, लेकिन कीट और रोग देखते ही देखते पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं।”
वो आगे कहते हैं, “जिस दिन आप मित्र शत्रु के बीच में अंतर समझ लेंगे उस दिन आपकी खेती बहुत ही लाभदायक हो जाएगी।
साथ-साथ प्रकृति में जो जीव हैं उनके बारे में भी हमको समझना है, उनकी जो परिस्थितिक तंत्र है, यह तो हमारा सुव्यवस्थित इसमें कोई डिस्टर्बेंस, क्योंकि प्राकृतिक व्यवस्था टूट गई तो निश्चित तौर पर यह खेती जो है हमारी खेती की जो व्यवस्था, ये टूट जाएगी। जब दुश्मन की बात करते बीमारियों की बात करते हैं तो उसके लिए हम बहुत हानिकारक केमिकल प्रयोग करते हैं।”
“लेकिन ये केमिकल क्यों डालने पड़ते हैं इसकी ज़रूरत है। ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे जरूरत ही न पड़े। पर अगर बात करनी है तो हमें उनकी खेती के बारे में बारीक समझने होगी कि आपकी फसल के लिए कौन से मित्र शत्रु और शत्रुओं में भी कौन से प्रारंभिक शत्रु जो शुरू में ही आपकी फसल का नुकसान का निर्धारण कर देते हैं, “उन्होंने आगे कहा।
डॉ दया आगे कहते हैं, “हम ऐसे ही आपको एक प्राथमिक दुश्मन किसानों का कहते हैं कि फसल लगी और वह प्राथमिक पहली रूप में जो दुश्मन के रूप में भूमिका अदा करता है उसके बारे में जानना होगा। जैसे कि एक हफ्ते के अंदर कुछ फसलों में आप देखेंगे। तो एक सप्ताह के अंदर ही है, जो पहला दुश्मन कीट आपकी जड़ में प्रवेश करता है।”
सूत्रकृमि होते हैं खेती के दुश्मन
कुछ दुश्मन मिट्टी के अंदर होते हैं, जिन्हें गुप्त शत्रु भी कहते हैं गुप्त शत्रु क्यों कहते हैं? क्योंकि गुप्त हैं वह जमीन के अंदर दिखाई नहीं दे, यहाँ तक कि आंखों से नहीं दिखाई देते हैं। दुश्मन ऐसे होते हैं जो दिखाई देते हैं उसका सामना तो आप कर सकते हैं, लेकिन जो आँखों से दिखाई नहीं देते उनसे बच पाना मुश्किल का ऐसा ही दुश्मन जो आपकी आंखों से दिखाई नहीं देता और जो सबसे पहले आपके पौधे में प्रहार करता है उसको किसानों का गुप्त शत्रु और उसको हम कहते हैं सूत्रकृमि इसके नाम में ही सूत्र है, सूत्र यानी धागा, जिन्हें खुली आँखों से नहीं देखा जा सकता है।
इतना सूक्ष्म शायद आपको माइक्रोस्कोप जब आप लगाएंगे तो आपको चलता हुआ दिखाई देगा। इतनी तेज जनसंख्या वृद्धि करता है कि कुछ दिनों में लाखों-करोड़ हो जाते हैं।
कैसे नुकसान पहुँचाता है सूत्रकृमि
अब जानते हैं निमेटोड कैसे नुकसान पहुँचाते हैं। चालिए जानते हैं कैसे प्रभाव करता है? क्या इसके लक्षण कैसे इसको किसान भाई समझ पाएं? कैसे इसको हम बता पाएं? इसके लिए कुछ मुख्य बातें हैं। सबसे पहले हम यह जानते हैं कि इसका बेसिक क्या है, कैसे यह किन-किन चीजों पर, किन-किन फसलों पर प्रकोप करता है और किस अवस्था में प्रकोप करता है।
इसके लक्षण होते हैं और फिर हम बात करेंगे बचाव प्रबंधन की है. तो यह सूत्र कृमि जो हैं। जैसे ही आप की फसल, जड़ विकसित होना शुरू करती हैं, वैसे ही एक सूईनुमा पंच होता है जिससे कि जड़ को बीच में यह पंचर करता, लगातार पंच करता, लगातार करता और करते-करते फल स्वरूप जड़ के अंदर घर बना लेता है।
परजीवी दूसरों पर भोजन ले जड़ों से जिस पौधे पर अटैक करता है। इसकी खास बात है कि क्योंकि उसी से भोजन ले रहा है इसलिए उसको मिलेगा नहीं क्योंकि वह मरेगा अगर तो वह भी आपको क्या होगा। आपने जो भी खुराक डाली मिट्टी जड़ों ने जो भी खुराक लिया यह बीच में उसको रोक करके अपना पोषण अपने परिवार का पोषण यह करने लगता। जब परिवार का पोषण लगेगा तो ऊपर की ओर जो है भोज्य पदार्थ नहीं जाएगा और पत्ता आपको कमजोर, पौधा कमजोर और बीमार पीलापन लगेगा। पौधों की वृद्धि नहीं होगी।
बहुत कुछ डाल देने के बाद भी आप चाहे ऊपर से कोई भी आपको लक्षण आपने लगा दुकान कोई किसी ने सजेस्ट किया आप उसमें अगर फर्टिलाइजर या कोई अन्य उर्वरक डालते हैं तो इसकी संख्या में और हो जाता।
आप की फसल जहाँ वृद्धि करने के लिए कोई चीज डाल रहे हैं उर्वरक व पोषक तो डाल रहे हैं वह पोषक तत्वों से उनकी वृद्धि होती है। यानी उनकी मल्टीप्लिकेशन रेट बढ़ जाता।
कहीं-कहीं जगह देखेंगे कि बहुत डंबल, बड़ी-बड़ी गांठ हो जाती है। गांठों का यदि आप स्वरूप जानना चाहते हैं तो जनरली। हालांकि की सूत्रकृमि की कई बहुत सारी है।
लेकिन जो इसमें मूल जो कारक है, जो सबसे ज्यादा नुकसान किसान भाइयों को करती है वह जड़ों में गाँठ बनाने वाले सूत्र इसको कहते हैं।
सब्जियों की फसलों को सबसे ज़्यादा पहुंचाते हैं नुकसान
अगर हम बात करें सबसे ज्यादा अगर सब्जी के किसान जान लीजिए कि सबसे बड़ा कोई दुश्मन है। तो सबसे सब्जियां इस सबसे पसंदीदा की फसल में और सब्जियों में भी कद्दू वर्गीय फसलें हैं। जैसे कि लता, वर्गीय फसलें, लौकी, कद्दू, खीरा, परवल की जड़ों में मोटी-मोटी गाँठें बन जाती हैं।
अगर आपने एक शुरुआत अपने अगर हो गया तो यह पूरे तीन वर्ष तक उस फल में फल नहीं होने देगा। चाहे लगातार आप चाहे कितने हजार लाख रुपए की दवा डाल दें।
यही नहीं मिर्च, बैंगन के साथ ही अनाज और दलहनी फसलों को भी नुकसान पहुँचाते हैं।
निमेटोड के लक्षण
अगर आपको पौधा कमजोर दिखे तो ऐसे पौधे को पूरा उखाड़ की खुरपी से आप जब उखाड़ेंगे तो जड़ों में गांठे दिखाईं देंगी। यही नहीं एक बार फैलता है तो बढ़ता ही जाता है।
नोट: अगले भाग में हम निमेटोड से बचाव के बारे में विस्तार से बताएँगे।