आप आम के पेड़ की डाल पर अक्सर अलग किस्म के पौधे को उगे देखते होंगे, देखने में भले ही ये पौधा छोटा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे ये अपने मेज़बान पौधों से सारा पोषक तत्व खींच लेता है।
आप यूँ समझिए, कि आम को बढ़ने के लिए जो उसके हिस्से का खाना है वो ये पौधा उससे छीन लेता है।
इस परजीवी पौधे को लोरेंथस या बांदा कहते हैं, यह लकड़ी की प्रकृति वाले बारहमासी पेड़ों का एक आंशिक तना परजीवी है। परजीवी की असली कार्यात्मक पत्तियाँ होती हैं, हालाँकि इसमें एक जड़ प्रणाली की कमी होती है इसलिए यह मेज़बान पौधों जैसे आम के बिना सूख जाएँगे।
परजीवी को पोषण और पानी के लिए मेज़बान (आम) पर निर्भर रहना पड़ता है। मेज़बान पौधे की जड़ों से अवशोषित पोषक तत्वों और पानी को अपने विकास के लिए उपयोग में लाता है, इसके कारण मेज़बान पौधों की वृद्धि रुक जाती है। इसके साथ ही, परजीवी तेज़ दर से विकसित होता है। कई लोरेंथस शाखाओं का विकास मेज़बान को पूरी तरह से कमज़ोर करता है।
मेज़बान की शक्ति कम हो जाती है और फलों की उपज और गुणवत्ता में कमी आ जाती है। यह परजीवी उन बागों में ज़्यादा देखने को मिलता है जिन बागों का प्रबंधन ठीक से नहीं होता है।
लोरेंथस (परजीवी) का जीवन चक्र
लोरेंथस के फल बेरी जैसे होते हैं जो गर्मियों में लोरेंथस की शाखाओं पर उत्पन्न होते हैं। इन फलों का सेवन करने वाले पक्षी बीजों का प्रसार करते हैं, जो मेज़बान के शाखावार जंक्शनों पर पेड़ की टहनियों पर बने रहते हैं। मेज़बान सतह (पेड़ के तने) पर बीज मानसून की शुरुआत में अंकुरित होते हैं और सीधे मेज़बान में प्रवेश करते हैं।
परजीवी की प्रारंभिक वृद्धि धीमी होती है। मेज़बान के शरीर में प्रवेश करने पर, चूसने वाला अंग ( हस्टोरियम) मेज़बान के ऊतक के भीतर परजीवी द्वारा भेज दिया जाता है, जो मेज़बान के जाइलम से पोषक तत्वों को अवशोषित करना शुरु कर देता है।
परजीवी और मेज़बान के बीच संबंध की शुरुआत बड़े गाँठ या पित्त की तरह अतिवृद्धि और परजीवी और मेज़बान के संपर्क के विकास के कारण होती है। लोरेंथस परजीवी के रूप में आम के अलावा नींबू, कटहल, सपोटा पर भी पाए जाते है।
लोरेंथस का प्रबंधन कैसे करें?
लोरेंथस को कटर की मदद से फूल आने से पहले संक्रमित शाखा से परजीवी को खुरचकर ( स्क्रैपिंग) निकालना चाहिए। अच्छी तरह से स्थापित लोरेंथस की झाड़ीनुमा पौधे को जिस बिंदु पर वो जुड़ा हो वहाँ उसके नीचे से काट दिया जाता है और उसे नष्ट कर दिया जाता है।
लोरेंथस जिस बिंदु पर मेज़बान से जुड़ा होता है, वहाँ 0.5 प्रतिशत ग्लाइफोसेट नामक खरपतवार नाशक या डीजल का प्रयोग करके उसे पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहिए, जिससे परजीवी का विकास रुक जाता है।