भारत सरकार 10,000 नए एफपीओ बनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” योजना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) लागू कर रही है।
साल 2007 में जाने माने अर्थशास्त्री वाईके अलग ने इसकी शुरुआत की थी और फिर उन्होंने 2011 में पहला एफपीसी बनाया। एफपीओ यानी फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन के तरह दो तरह के संगठन होते हैं, पहला है एफपीसी यानी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और दूसरा है एफपीओ, जो कोऑपरेटिव के तहत रजिस्टर होता है, उसे फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बोलते हैं।
पूरे देश में 8875 एफपीओ पंजीकृत किए जा चुके हैं। फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी में जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर होता है वो एफपीसी होता है। जबकि जो कोऑपरेटिव एक्ट में रजिस्टर हो रहा है उसको भी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ही बोलते हैं।
केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) के तहत “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” के लिए अब तक केंद्र ने 630.3 करोड़ रुपये बजट जारी किए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
किस राज्य में हैं कितने एफपीओ?
सबसे ज़्यादा एफपीओ उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड हैं, जहाँ पर इनकी संख्या 1,246 है, दूसरे नंबर मध्य प्रदेश, जहाँ पर 622 एफपीओ हैं। चलिए जानते हैं पूरे देश में कितने एफपीओ हैं और राज्यवार इनकी कितनी संख्या है।
अंडमान: 7
आंध्र प्रदेश: 449
अरुणाचल प्रदेश: 150
असम: 427
बिहार: 580
छत्तीसगढ़: 213
दादरा नगर हवेली: 2
गोवा: 8
गुजरात: 419
हरियाणा: 172
हिमाचल प्रदेश: 168
जम्मू और कश्मीर: 318
झारखंड: 355
कर्नाटक: 336
केरल: 137
लद्दाख: 3
लक्षद्वीप: 1
मध्य प्रदेश: 622
महाराष्ट्र: 579
मणिपुर: 76
मेघालय: 57
मिजोरम: 49
नागालैंड: 87
ओडिशा: 448
पुडुचेरी: 6
पंजाब: 136
राजस्थान: 533
सिक्किम: 13
तमिलनाडु: 414
तेलंगाना: 302
त्रिपुरा: 59
उत्तर प्रदेश: 1,246
उत्तराखंड: 150
पश्चिम बंगाल: 353
कुल: 8,875