ओडिशा में चक्रवात दाना को आए दस दिन से ज़्यादा हो गए, लेकिन अभी भी किसान इसकी तबाही से उबर नहीं पाए हैं। इस बार किसान दिवाली का त्यौहार नहीं मना पाए हैं।
केंद्रपाड़ा जिले के पत्तमुण्डई ब्लॉक के बलुरिया गाँव के सत्य रंजन ने इस बार 30 एकड़ में उड़द की बुवाई की थी, चक्रवात के बाद पूरी फसल पानी में डूब गई, अब जब पानी निकल गया तो खेत में कुछ बचा ही नहीं है।
46 साल के सत्य रंजन गाँव कनेक्शन से ओडिया में कहते हैं, “पूरा बीरी चासॉ जेतिकी करी थिलु सबु नष्ट हेईजैची बिला रे पानी पसीगला ठू (जितनी भी उड़द की खेती की थी, सब बर्बाद हो गई है, खेतों में पानी भर गया है)।”
वो आगे कहते हैं, “मैंने 30 एकड़ में उड़द की खेती की थी और हर साल इससे 9 से 10 लाख का मुनाफा होता है। लगभग डेढ़ लाख का खर्चा किया था, लेकिन इस बार पूरी फसल बर्बाद हो गई है। उड़द के पौधे सड़ गए हैं। हम ठहरे किसान, हमारी आमदनी सिर्फ खेती पर निर्भर है।”
सत्य के साथ, आस-पास के गाँव जैसे अंधरा, सिंघा, आमबृतबानी और पेंटपाला में भी लगभग 500 एकड़ की उरद की फसल नष्ट हो गई है। उरद की खेती में मेहनत और लागत कम होती है, लेकिन मुनाफा अधिक होता है। अक्टूबर में बुवाई के बाद, जनवरी तक फसल तैयार हो जाती है।
“धान की खेती भी की थी, पर उसमें इतना नुकसान नहीं हुआ जितना उड़द में। अभी तक हमारे खेत में सर्वे के लिए कोई नहीं आया। एक बार आरआई ऑफिस गए थे, वहाँ कोई नहीं था। समझ नहीं आता कि मुआवजा मिलेगा या नहीं। पिछली बार फनी चक्रवात के दौरान बारिश कम थी, जिससे उरद की खेती उतनी बर्बाद नहीं हुई थी। इस बार दाना चक्रवात के कारण पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई है, “सत्य ने नुकसान की भरपाई के बारे में बात करते हुए कहा।
कुछ सालों से बंगाल की खाड़ी और ओडिशा में ये अक्सर चक्रवात आने लगे हैं। 1990 से 2021 करीब 46 चक्रवाती तूफ़ान हो चुके हैं। मुख्य तौर से प्री मानसून साइक्लोन रबी की फसलों पर असर डालता है और पोस्ट मानसून साइक्लोन खरीफ फसल चक्रवात हमेशा कटाई के समय आता हैं जब धान की फसल तैयार हो चुकी होती है।
केंद्रपाड़ा जिले के अखुलीपाड़ा पंचायत के रहने वाले गजेंद्र मल्लिक ने बटाई में जमीन लेकर दो एकड़ में धान की खेती है। गजेंद्र गॉंव कनेक्शन बताते हैं, “हमने लगभग 15000 से 18000 का खर्चा किया है, उम्मीद था की 40 क्विंटल की धान का उत्पादन हो जाएगा। लेकिन अब चक्रवात के 18 क्विंटल भी मिल जाए बोल नहीं सकते।”
ओडिशा सरकार के अनुसार चक्रवात दाना की वजह से 82.92 करोड़ रुपये की फसलों का नुकसा हुआ है। चक्रवात ने 3.62935 लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि को प्रभावित किया है। 1.72356 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसल को नुकसान हुआ है। 33 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर किसानों को मुआवजे के लिए पात्र माना जाएगा।
“सोच रहे थे कि मूँग की खेती करेंगे, लेकिन अब कहाँ कर पाएँगे, खेत में पानी घुस गया है, जिस वजह से अब जमीन कच्ची हो गई है। मुआवजे की भरपाई के लिए भी अभी तक कोई देखने नहीं आया, “गजेंद्र मल्लिक ने आगे कहा।
किसानों को डर है कि अब खरीफ फसलों का तो नुकसान हुआ ही, रबी फसलों में देरी होगी।
ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गाँव कनेक्शन से समझाते हुए कहते हैं, “जल भराव अगर हुआ है तो उसे पहले निकाल लिया और फिर जितनी भी फसल बचा सकते हैं बचा लें, क्योंकि पौधे कमजोर हो गए होंगे तो उसे माइक्रो न्यूट्रिएंट देकर उसे देकर उसे बचा सकते हैं।”
वो आगे कहते हैं, “अगर पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गयी तो क्षेत्र के हिसाब से फसल लगा के उसे मेन्टेन कर सकते हैं। उसके बाद कोई कम समय की फसल लगा सकते हैं। पहली बात उनको देख लेनी चाहिए कितना फसल बची है उसी हिसाब वो उसे न्यूट्रिएंट दे सकते हैं या तो कोई और खेती काम लागत में दूसरी फसल कर सकते हैं।”
ओडिशा सरकार ने ज़ारी किए 423 करोड़
6 नवंबर को राज्य सरकार ने चक्रवाती तूफान दाना से प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को प्रभावित लोगों को मुआवजे के भुगतान के लिए 423 करोड़ रुपये की सहायता जारी की।
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने मीडिया से बताया कि जिलाधिकारियों को सात दिनों के भीतर ऑनलाइन मोड में प्रभावित लोगों को मुआवजा राशि वितरित करने का निर्देश दिया गया है। चक्रवात में 512.26 करोड़ रुपये की सार्वजनिक अवसंरचना क्षतिग्रस्त हुई। ओडिशा सरकार ने राज्य में कुल क्षति का अनुमान 616.19 करोड़ रुपये लगाया है।
मंत्री ने आगे बताया कि फसलों की क्षति का अनुमान 82.92 करोड़ रुपये है। चक्रवात ने 3.62935 लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि को प्रभावित किया है। 1.72356 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसल को नुकसान हुआ है। 33 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर किसानों को मुआवजे के लिए पात्र माना जाएगा।
चक्रवात और इसके बाद हुई भारी बारिश और बाढ़ से 14 जिलों के 131 ब्लॉकों में 41.04 लाख से अधिक लोग आंशिक या पूरी तरह प्रभावित हुए। राज्य सरकार ने राहत और पुनर्वास उपायों पर 23.73 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। प्रभावित लोगों को केंद्रीय सहायता का इंतजार किए बिना मुआवजा दिया जाएगा।