किसान पारंपरिक फसलों से आगे बढ़कर बागवानी फ़सलों की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में किसान बागवानी फ़सलों से भी मुँह मोड़ लेंगे। क्योंकि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने विभिन्न बागवानी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन का 2023-24 का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है, जो अलग ही कहानी कह रहा है।
2023-24 (तीसरा अग्रिम अनुमान) की मुख्य बातें
- देश में 2023-24 (तीसरा अग्रिम अनुमान) में बागवानी फसलों उत्पादन लगभग 353.19 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो 2022-23 (अंतिम अनुमान) की तुलना में लगभग 22.94 लाख टन (0.65%) कम है। साल 2022-23 में 28.44 मिलियन हेक्टेयर में 355.48 मिलियन टन उत्पादन हुआ था।
- 2023-24 (अंतिम अनुमान) में फलों, शहद, फूलों, बागानी फसलों, मसालों और सुगंधित और औषधीय पौधों के उत्पादन में वृद्धि देखी गई है।
- 2023-24 में फलों का उत्पादन मुख्य रूप से आम, केला, नीबू/नींबू, अंगूर, कस्टर्ड सेब और अन्य फलों के उत्पादन में वृद्धि के कारण 2022-23 की तुलना में 2.29 प्रतिशत बढ़कर यानी 112.73 मिलियन टन होने की उम्मीद है। वहीं सेब, मीठा संतरा, मैंडरिन, अमरूद, लीची, अनार, अनानास का उत्पादन 2022-23 की तुलना में घटने का अनुमान है।
- सब्जियों का उत्पादन लगभग 205.80 मिलियन टन होने की परिकल्पना की गई है। टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, टैपिओका, लौकी, कद्दू, गाजर, ककड़ी, करेला, परवल और भिंडी के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है, जबकि आलू, प्याज, बैंगन, जिमीकंद, शिमला मिर्च और अन्य सब्जियों के उत्पादन में कमी की परिकल्पना की गई है।
- 2023-24 (तीसरा अग्रिम अनुमान) में प्याज का उत्पादन 242.44 लाख टन होने की उम्मीद है।
- देश में आलू का उत्पादन 2023-24 (तीसरा अग्रिम अनुमान) में लगभग 570.49 लाख टन होने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण बिहार और पश्चिम बंगाल में उत्पादन में कमी दर्ज होना है।
- टमाटर का उत्पादन 2023-24 (तीसरा अग्रिम अनुमान) में 213.20 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल लगभग 204.25 लाख टन था यानी उत्पादन में 4.38 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।