मलेशिया में मॉरीशस के उच्चायुक्त बालकनी में उगाते हैं घर की सब्ज़ियाँ, आप भी कर सकते हैं

घर की उगी सब्ज़ी खाना चाहते हैं लेकिन जगह की कमी है तो भी कोई बात नहीं है। मॉरीशस के हाई कमिश्नर की तरकीब से आप सिर्फ घर में ही नहीं, खेतों में भी बिना यूरिया और कीटनाशक के भरपूर सब्ज़ियाँ उगा सकते हैं।
#Natural farming

क्या आप यकीन करेंगे कि एक राजनयिक के घर में सालों से सब्ज़ियाँ खरीदी ही नहीं गई। जी हाँ ये सच है, हम बात कर रहे हैं मलेशिया में मॉरीशस के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) जगदीश्वर गोवर्धन की।

जगदीश्वर न तो बाज़ार की सब्ज़ी खाते हैं न फ़ल। जूस तक वे ख़ुद घर में तैयार कर लेते हैं। अपने दफ़्तर से फ़ुर्सत मिलते ही वे एक किसान की तरह पेड़ पौधों की देखभाल में जुट जाते हैं। उनके लिए पौधें किसी बच्चे से कम नहीं है।

वे कहते हैं, “मेरे यहाँ कोई रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं होता है न ही पेड़ पौधों पर कोई कीटनाशक का छिड़काव करते हैं। मेरे पास हर किसी के लिए बेहतर पैदावार का नुस्खा है भले वो छोटी जगह हो या बड़ी। ”

उनके मुताबिक़ घर में सब्ज़ी उगाने के लिए प्लास्टिक, सीमेंट या मिट्टी के बनें गमले लें, लेकिन ध्यान रहे अँदर से सुखा हो। चाहे तो धुप में एक दो दिन सुखा लें जिससे कीड़ें अगर होंगे तो ख़त्म हो जाएँगे। इसके बाद मिट्टी में गोबर की खाद अच्छी तरह से मिलाकर गमलों में भर दें। ध्यान रखिएगा गमले में करीब 2 इंच की जगह ख़ाली रहे जिससे पानी डालने पर बाहर न आए। अभी गर्मी का मौसम है तो बालकनी या छत पर इस विधि से आप भिंडी, टमाटर, तोरई, ककड़ी, खीरा, करेला और मिर्च आराम से उगा सकते हैं।

मलेशिया में मॉरीशस के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) जगदीश्वर गोवर्धन

मलेशिया में मॉरीशस के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) जगदीश्वर गोवर्धन

“अगर टमाटर लगाना है तो एक टमाटर लें और उसके चार टुकड़ें काट लें और उन्हें आधा इंच मिट्टी में गाड़ दें। जैसे ही पौधा उगना शुरू होगा उसे गमले में लगा दें। ध्यान रहे पानी तभी डाले जब मिट्टी सुखी हो,वरना ज़्यादा पानी से ख़राब हो सकता है।” वे समझाते हुए कहते हैं।

जगदीश्वर गोवर्धन जिन-जिन देशों में बतौर उच्चायुक्त भेजे जाते हैं, सबसे पहले वहाँ बाग़वानी का इंतज़ाम करते हैं। मलेशिया से पहले जब वे भारत में हाई कमिश्नर थे तब भी वहाँ उन्होंने ख़ूब सब्ज़ियाँ उगाई।

“दिल्ली में आधा एकड़ में मेरा बगीचा था जहाँ ख़ुद सब्ज़ी उगाता था। बीज़ से लेकर पौधों में पानी, खाद और गुड़ाई सब करता था। हम रोज़ जो सब्ज़ियाँ आमतौर पर खाते हैं सब उगाया था वहाँ, आंवला, नींबू और आम तक उगाया।” जगदीश्वर गोवर्धन ने बताया।

मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने गमले में बैंगन भी उगाए हैं। 

मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने गमले में बैंगन भी उगाए हैं। 

नेचुरल फार्मिंग (प्राकृतिक खेती) से वे लहसुन और ग्रीन बीन्स को उगाने की सलाह भी देते हैं, “सबसे आसान हैं लहसुन, करेला, लौकी और बीन्स उगाना, बीन्स तो 140 दिन में तैयार हो जाता हैं। ” उन्होंने बताया।

एक सवाल के जवाब में हाई कमिश्नर कहते हैं, “मैं पाँच साल तक भारत में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुभाष पालेकर से मिलता रहा और उनसे नेचुरल फार्मिंग को समझा। ये काफ़ी आसान है।”

कैसे तैयार करें नेचुरल (प्राकृतिक) खाद

“गाय की गोबर,गौ मूत्र, गुड़ और बेसन से ऐसी खाद बनती है जिसकी लागत बेहद मामूली होती है। इससे आपकी पैदावार कई गुना बढ़ जातीं है। एक देशी गाय है तो आप 15 एकड़ ज़मीन को हरा भरा कर सकते हैं। इसे तैयार करने लिए आप 10 किलो गाय का गोबर,10 लीटर गौ मूत्र, 200 लीटर पानी में 1 किलो बेसन और 1 किलो गुड़ मिला कर तीन दिन छोड़ दें। इसमें बैक्टीरियाँ पैदा हो जाएँगे, फिर इसे एक एकड़ ज़मीन में आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं।” वे अपने किचन गार्डन को दिखाते हुए समझाते हैं।

कीटनाशक बनाने का तरीका

कीटनाशक के लिए वे कहते हैं किसानों को 5 लीटर गौ मूत्र में 2 किलो नीम की पत्ती, 1 मुट्ठी मिर्च और 1 मुट्ठी अदरक पीसकर मिला कर तैयार कर लेना चाहिए। साल में दो बार ही इसका छिड़काव बहुत होता है। इसके बाद पेड़ पौधों में कोई बाहरी बीमारी नहीं होगी। इसे किसान अपनी फ़सल में इस्तेमाल कर सकते हैं।

जगदीश्वर गोवर्धन मलेशिया से पहले भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त रह चुके हैं।

जगदीश्वर गोवर्धन मलेशिया से पहले भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, “मैं लम्बे समय तक मॉरीशस में स्वास्थ्य मँत्री भी रहा हूँ, जानता हूँ कीटनाशक का इस्तेमाल कितना ख़तनाक होता है। नहीं चाहता मुझे या मेरे बच्चों को इससे कैंसर या डायबटीज जैसी बीमारी हो इसलिए घर में सब्ज़ी उगाने के लिए सभी को जागरूक करता हूँ।”

जगदीश्वर बताते हैं, “मेरे परदादा भारत से मॉरीशस गन्ने की ख़ेती के लिए मज़दूर के रूप में आए थे। मॉरीशस गन्ने का देश है। मुझ में ख़ेती किसानी रची बसी है। अगर किसान सही मायने में गाँधी जी के बताये नेचुरल फार्मिंग (ख़ेती) करें तो उन्हें नुकसान नहीं नहीं होगा। आज भारत के कई हिस्सों में कर्ज़ और ख़राब फ़सल के कारण किसानों के आत्महत्या की ख़बर आती है दुःख होता है सुन कर। ज़रूरत है सभी किसानों को बताया जाए ख़ेती की इस तकनीक के बारे में।”

जगदीश्वर गोवर्धन मलेशिया के अलावा इंडोनेशिया,थाईलैंड,वियतनाम,फिलीपींस और ब्रूनेई दरुसलम में भी मॉरीशस के हाई कमिश्नर हैं। वे इन सभी देशों में खेती किसानी में रूचि रखने वालों को कम ख़र्च में सब्ज़ी फ़ल उगाने की तरकीब बताते रहते हैं।

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