लखनऊ। देशभर में गेहूं की बुआई का सीजन लगभग खत्म होने को है लेकिन इस
साल गेहूं की खेती पिछले साल के मुकाबले बुरी तरह से पिछड़ी हुई है। चार दिसंबर तक
गेंहूं की बुआई उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में 40 फीसदी तक पिछड़ी है।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश में तो गेहूं की बुआई की स्थिति और भी खराब है, राज्य में चार दिसंबर तक गेहूं का रकबा करीब 43 फीसदी पिछड़ा हुआ दर्ज किया गया है, पिछले साल उत्तर प्रदेश में चार दिसंबर तक 71.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लग चुकी थी लेकिन इस साल यह आंकड़ा सिर्फ 40.85
लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच पाया है।
देशभर में मध्य प्रदेश का
गेहूं सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और सबसे महंगा बिकता है लेकिन इस साल मध्य प्रदेश
में गेहूं की बुआई बुरी तरह से पिछड़ी हुई है। चार दिसंबर तक मध्य प्रदेश में
सिर्फ 24 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लग पायी है,
पिछले साल इस दौरान मध्य प्रदेश में 39.23लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लग चुकी थी। मध्य प्रदेश देश
में गेहूं का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है और सरकारी स्टॉक में पंजाब के बाद सबसे
ज्यादा गेहूं देता है।
देशभर में 27 फीसदी पिछड़ा है रकबा
देशभर में अब तक सिर्फ 152.56
लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लग पायी है, पिछले साल इस दौरान देशभर में 208.64 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हो चुकी थी। यानि देशभर में गेहूं का रकबा
करीब 27 फीसदी पिछड़ा हुआ है। देशभर में गेहूं की बुआई
के लिए अब सिर्फ 10-15 दिन का ही समय बचा है और
ऐसे में अगर बुआई रिकवर हो जाती है तो आगे उत्पादन बढ़ने की संभावना को मजबूती
मिलेगी, लेकिन बुआई रिकवर नहीं होती है तो इस साल भी
उत्पादन कम रहने की आशंका बढ़ जाएगी।