इस समय धान खरीद हो रही है, कई बार किसान धान लेकर क्रय केंद्रों पर जाते हैं, मानक के अनुरूप न होने के कारण उन्हें केंद्र से वापस लौटना पड़ता है। इसलिए किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर इस परेशानी से बच सकते हैं।
क्रय केंद्र पर ले जाने से पहले धान में कितनी नमी रहनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और धान खरीद के क्या मानक हैं, इस बारे में क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अभिषेक तिवारी बताते हैं, “किसान भाईयों से कहना चाहूंगा, जो भी किसान भाई अपना धान लेकर क्रय केंद्रों पर आ रहे हैं। वो अपना धान किसान केंद्र पर लाने से पहले एक बार नमी की जांच जरूर कर लें।”
नमी जांच प्रक्रिया के बारे में वो कहते हैं, “सबसे पहले हम ट्राली से सात-आठ अलग-अलग जगह धान से निकाल लेते हैं, उसके बाद हम एक म्वायस्चर मीटर (नमी मापक यंत्र ) से धान में नमी की जांच करते हैं। इसमें भी अलग-अलग धान के अलग-अलग मानक होते हैं। अगर आपका धान शॉर्ट ग्रेन किस्म का धान है तो उसके लिए वाल्यूम बी एक मानक बना हुआ है, उसको वाल्यूम बी में पूरी तरह से भरते हैं। फिर म्वायस्चर मीटर की कटोरी से निकालकर उसके मानक पर रखते हैं, चार-पांच सेकेंड में धान में जितनी भी नमी है, पता चल जाती है।”
धान में नमी के अलावा दो-तीन चीजे और देखते हैं, जैसे डैमेज, फॉरेन मैटर में भी कार्बनिक और अकार्बनिक दो तरह के मैटर पाए जाते हैं। उसको देखने के लिए 100 ग्राम धान अलग निकाल लेते हैं, उसमें से एक-एक दाने को छांटकर अलग-अलग करते हैं, टूटे धान हैं तो उन्हें अलग छांट देंगे और फॉरेन मैटर में भी कार्बनिक और अकार्बनिक को अलग-अलग निकालकर रख देते हैं। यहां पर धान को साफ करने की भी सुविधा उपलब्ध होती है, पंखे से धान साफ हो जाता है।
नमी पता करने और फॉरेन मटेरियल निकालने के बाद प्रॉपर तरीके से देखते हैं कि वो हमारे मानक के अनूरूप आ रहा है कि नहीं। यदि शासन द्वारा निर्धारित मानक में आ जाता है तो उसके आसपास का जो भी क्रय केंद्र होगा वहां का टोकन जनरेट करा देते हैं, जहां जाकर किसान अपना धान बेच सकता है। टोकन इसलिए जरनेट किया जाता है कि वो उसी दिन अपना धान लेकर जाए और उसी दिन उसका धान बिक जाए, किसान को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए सुविधाएं
क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए पानी, बाल्टी, लोटा, गिलास, मिट्टी के मटके, वाटर मैन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही पशुओं के लिए भी पानी, नाद, बैलगाड़ी, ट्रक, ट्राली पार्किंग स्थल आदि। किसानों के बैठने के लिए तख्त, दरी, शामियाना आदि। पर्याप्त संख्या में दो जाली वाले उपयुक्त छन्ने और पंखे भी होने चाहिए। तिरपाल पालीथीन शीट आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। धान की नमी की जांच के लिए नमी मापक यंत्र।
इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है कि किसान अपना अनाज साफ करके और सुखाकर ही लाएं, जिससे क्रय केंद्र पर किसानों को कोई असुविधा न हो और समर्थन मूल्य का पूरा लाभ ले सके। यदि अनाज सूखा और साफ नहीं लाया गया है तो क्रय करने से पहले उसे दो जाली वाले छन्ने से अच्छी तरह साफ कराया जायेगा। धान में यदि विजातीय तत्व या नमी प्रतिशत निर्धारित सीमा से अधिक हैं तो केन्द्र पर ही उसे पंखा और छन्ने से सफाई व सुखाने की व्यवस्था की जायेगी। क्रय केन्द्र पर किसानों के वाहन से अनाज की उतराई और छनाई/सफाई का व्ययभार सम्बन्धित किसान को वहन करना पड़ेगा।