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स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जहां पिछली सरकार ने कामधेनु, मिनी और माइक्रो डेयरी योजना शुरू की थी। वहीं अब योगी सरकार जल्द ही छह पशुओं की योजना ला रही है। इस योजना का लाभ छोटे से छोटे वर्ग के किसान भी उठा सकेंगे।
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“पहले जो योजनाएं थी उसका लाभ छोटे पशुपालक नहीं उठा पा रहे थे। इस योजना का लाभ छोटे पशुपालक आसानी से उठा सकेंगे। यह पूरी योजना एक पशुपालक के लिए साढ़े चार लाख रुपए की है, जिसमें पशुपालक को 90 हजार रुपए की मार्जिन मनी देना होगा और तीन लाख 60 हज़ार का बैंक से लोन मिलेगा। इस लोन से पशुपालक छह पशुओं को खरीदेगा।“ ऐसा बताते हैं, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. जीसी पांडेय।
वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश देश में दूध उत्पादन के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है। वहीं, वर्ष 2015-16 के दौरान भारत में 155.48 मिलियन टन वार्षिक दूध का उत्पादन हुआ, जो विश्व के उत्पादन का 19 प्रतिशत है। इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में और आगे लाना है। साथ ही वर्ष 2022 तक मौजूदा प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 337 ग्राम को बढ़ाकर 500 ग्राम करनी है।
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योजना के बारे में डॉ. पांडेय ने आगे बताया, “पूरे प्रदेश में इस योजना में 17 हज़ार डेयरी खोलने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पशुपालक को बाहर से पशु नहीं खरीदना है। प्रदेश में ही अब अच्छी नस्ल के पशु उपलब्ध है। इस योजना में पशुपालक गाय-भैंस पाल सकते हैं।” 19 वीं पशुगणना के अनुसार प्रदेश में अभी 1 करोड़ 8 लाख दुधारु पशु हैं।
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“इस योजना की पूरी फाइल बनाकर प्रशासन को भेजी गई थी, लेकिन अभी कुछ बदलाव किए गए हैं। सरकार चाहती है कि मार्जिन मनी हटा दी जाए, लेकिन बिना मार्जिन मनी के बैंक लोन देने में दिक्कत होगी। अक्टूबर के तक इस योजना का लाभ पशुपालक उठा सकेंगे।” डॉ. पांडेय ने बताया।
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छह-छह महीने पर मिलेगा अनुदान
साढ़े चार लाख की इस योजना के तहत पशुपालक को तीन लाख 60 हजार रुपए का लोन बैंक से मिलेगा,जिससे वह छह पशुओं को खरीद सकेंगे। एक लाख 20 अनुदान के रूप में दिया जाएगा, जिससे ब्याज से कोई मतलब नहीं है। हर छह-छह महीने पर पशुपालक को अनुदान मिलता रहेगा।