सरकार का ‘ टॉप ’ अभियान क्या लौटा पाएगा टमाटर, प्याज और आलू किसानों के अच्छे दिन

प्याज़

सरकार ने इस वर्ष बजट में देश में 22,000 हाट को संगठित खुदरा कृषि मंडियों में विकसित करने का फैसला लिया। इसके साथ ही आलू, प्याज़ और टमाटर की खेती करने वाले किसानों को फायदा देने के लिए सरकार ने इन ग्रामीण हाटों को ऑपरेशन ग्रीन से जोड़ने जा रही है। आइये जानते है क्या है सरकार का ऑपरेशन ग्रीन और इससे किसानों को कितना फायदा मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में भाजपा की परिवर्तन यात्रा में कहा कि फल और सब्जियां उगाने वाले किसान हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं, जब मैं ‘टॉप’ शब्द का इस्तेमाल करता हूं, तो इसका मतलब होता है कि टमाटर (टोमैटो), प्याज (ओनियन) और आलू (पोटैटो) से जुड़े किसानों की बात कर रहा हूं।

उत्तर प्रदेश में कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग, मंडी परिषद के सह निदेशक दिनेश चंद्रा सरकार के ऑपरेशन ग्रीन को आलू, प्याज़ और टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छा फैसला मानते हैं। वो बताते हैं, ”अभी तक सरकार धान और गेहूं की खरीद खास तौर पर करती थी, लेकिन ऑपरेशन ग्रीन की वजह से अब इन फसलों को भी निर्धारित एमएसपी पर सरकार खरीदेगी। ग्रामीण खुदरा बाज़ार बनने से किसान अब टमाटर जैसी जल्द खराब होने वाली फसलें भी गाँव की बाज़ारों में मंडी भाव पर बेच सकेंगे। इन फसलों को मंडी में ले जाने के लिए किसान को ट्रांसपोर्ट का भाड़ा भी देने पड़ता है।”

टमाटर जैसी जल्द खराब हो जाने वाली फसलों के लिए मददगार होगा सरकार का ऑपरेशन ग्रीन।

हालांकि किसान सरकार के ऑप्रेशन ग्रीन को एक नए सरकारी जुमले की तरह मान रहे हैं, जो सरकार बार बार चुनाव से पहले दोहराती है। मध्यप्रदेश में मंदसौर के बरखेड़ा राथोड़ गाँव के किसान ओम पाटीदार (44 वर्ष) दो एकड़ क्षेत्र में प्याज़ की खेती करते हैं। ओम पाटीदार बताते हैं, “पिछले साल किसान आंदोलन में सरकार ने आलू और प्याज किसानों से आठ रुपए किलो के हिसाब से फसल खरीदने का ऐलान किया था, जब तक किसान आंदोलन की हवा रही तब तक सरकार ने आठ रुपए में आलू-टमाटर खरीदा, लेकिन फिर भावांतर योजना में सरकार ने दाम चार रुपए कर दिए, जिससे किसानों को नुकसान सहना पड़ा। इसी तरह ऑपरेशन ग्रीन भी एक अच्छा सरकारी मज़ाक है।”

हाल ही में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि वो नीति आयोग, केंद्र एवं राज्य सरकारों मिलकर राज्यों में प्रचलित सरकारी योजनाओं का अध्ययन करेंगे और किसानों को अच्छी खरीद व्यवस्था उन्हीं के राज्यों में देने के लिए सिफारिश करेंगे। इस बजट में पहले ही किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आलू, प्याज और टमाटर के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की है। इन फसलों की खेती करने वाले किसानों को लाभ दिलवाने के लिए अलग से ऑपरेशन ग्रीन चलाया जा रहा है और इसके लिए 500 करोड़ के बजट का प्रावधान भी किया गया है।

मध्य प्रदेश में भावांतर योजना में आलू, प्याज़ किसानों को मिल रहे कम दाम। 

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक भारत, चीन के बाद विश्व में फलों और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2014-15 के दौरान भारत में सब्जियों की खेती 9.542 मिलियन हेक्टयर क्षेत्र में की गई, जिससे उत्पादन 169.478 मिलियन टन हुआ। देश में उगाई जाने वाली सब्जियों में सबसे अधिक खेती आलू, प्याज और टमाटर की होती है।

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लंभुआ ब्लॉक के जातूपुर गाँव में एक एकड़ खेत में आलू की खेती कर रहे किसान रवि शंकर अपाध्याय (42 वर्ष) सरकार के ऑप्रेशन ग्रीन अच्छा प्रयास मानते हैं। रवि शंकर बताते हैं, ”सिर्फ सुल्तानपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में इस बार आलू की खेती करने वाले किसानों को नुकसान हुआ है। आलू का रेट न मिल पाने के कारण किसान आलू की जगह गन्ना या दूसरी फसल लेने के बारे में सोच रहे हैं। अगर ऑपरेशन ग्रीन में सरकार आलू एसएसपी पर खरीदेगी तो, किसान फिर से आलू बोने के बारे में सोचेंगे नहीं तो वो दिन अब दूर नहीं जब यूपी में आलू की खेती न के बराबर होगी।”

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