सर्दी के मौसम में पिछले तीन-चार दिनों से पड़ रहा कोहरा गन्ने की फसल के लिए काफी लाभदायक है। पिछले वर्ष की तरह अबकी बार भी कोहरा पड़ने के कारण क्षेत्र में गन्ना की फसल रिकॉर्ड तोड़ होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक गन्ने की फसल के लिए लगातार कोहरा और सर्दी पड़ना अच्छा मान रहे है।
कोहरा पड़ने से गन्ना फसल को सबसे अधिक फायदा पहुंचेगा। गन्ना में चीनी परता में बढ़ोतरी होगी, जिससे किसान समृद्ध होगा। बनारस हिंदु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ राम कुमार सिंह ने बताया कि,”कोहरे से खेती को बहुत फायदा होता है। गन्ने की बढ़वार रुक जाती है, लेकिन चीनी परता में वृद्धि होती है। यह मौसम गेहूं, लाही, मटर, मसूर बोने के लिए अनुकूल है। ऐसे मौसम में बुवाई करना बहुत ही अच्छा होता है, क्योंकि फसल का जमाव अच्छा होता है। फसल की बढ़वार भी ठीक होती है। गर्मी से चक्र बिगड़ जाता है।”
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सिंचित फसलें अधिक सर्दी सहन करने की रखती है क्षमता
डॉ राम आगे बताते हैं, “अधिक सर्दी पड़ने पर नवंबर माह के अंतिम दिनों में बुवाई की गई रबी फसलों के लिए गुणकारी साबित होगी। लेकिन नवंबर माह की शुरूआत में जहां मौसम में गर्मी का असर था और उस दौरान किसानों द्वारा बुवाई की गई फसलों के लिए सर्दी का असर विपरीत प्रभाव डालेगा। कई किसानों ने नवंबर माह की शुरूआत में बुवाई कर दी थी।उस दौरान मौसम रबी फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल नहीं माना जा रहा था।”
उन्होंने बताया कि, “मौसम के पलटवार के साथ शुरू हुए सर्दी के असर के बीच कोहरा फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। अन्य कृषि विशेषज्ञों का भी कहना है कि, ओस की बूंदें रबी की फसल को नवजीवन देने वाली साबित होगी। कोहरे ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है। जिले में मौसम का बदला मिजाज गन्ना,गेहूं, सरसों, मटर आदि के लिए अमृत बन गया हैं। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से जिलेभर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। साथ ही आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ने की संभावना है, जो रबी फसल के लिए फायदेमंद होगी।”
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उन्होंने आगे बताया कि, “वहीं, सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरुआत फीकी रही। फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी। फसलों की बेहतरी के लिए वातावरण अनुकूल होना जरूरी था। वहीं, अधिक तापमान के कारण फसलों में कीट प्रकोप और बीमारियों का खतरा रहता है। पौधों का उठाव अच्छा नहीं होगा तो फसल उत्पादन पर विपरीत असर होता है। लेकिन दिसंबर के अंत में ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल गए हैं। अब जो ठंड की स्थिति बनी है, उससे रबी फसलों को लाभ होगा।”