‘फार्मर फर्स्ट’ से बदल रही किसानों की जिंदगी, बकरी पालन के लिए किसानों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

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किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए केंद्र सरकार कई परियोजनाएं चला रही है। इन्हीं परियोजनाओं में से एकभारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली (आईवीआरआई) की फार्मर फर्स्ट परियोजना (फार्मर फील्ड इनोवेसंश रिसर्च साइंस एंड टेक्नोलॉजी) चल रही है। जिसके तहत वैज्ञानिक गांवों को गोद लेकर किसानों को खेती और पशुपालन के आधुनिक तरीके सिखा रहे हैं।

फार्मर फस्ट के तहत बरेली जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर मझगवां ब्लॉक के पांच ग्रांम पंचायतों के नौ गाँव के 21 परिवारों को निशुल्क तीन-तीन बकरियां बांटी गई। इन बकरियों से किसान अपनी आय कैसे दोगुनी कर सके इसके लिए मथुरा स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में लाया गया है।

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बरेली की मंझगवां ब्लॉक के निसोई गाँव की रहने वाली अंमरवती (36 वर्ष) बताती हैं, ”हमें आईवीआरआई की तरफ से तीन बारबरी प्रजाति की बकरियां मुफ्त में मिली हैं इनका पालन कैसे हो इसकी ट्रेनिंग के लिए हम पहली बार केंद्रीय बकरी अनुसंधान मथुरा जा रहे हैं। हमारी तीनों बकरियां अभी गाभिन है।”

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की फार्मर फर्स्ट (फार्मर फील्ड इनोवेसंश रिसर्च साइंस एंड टेक्नोलॉजी) स्कीम के तहत आईवीआरआई, सीएआरआई, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान सहित 103 संस्थान और कृषि विवि शामिल हैं।

मंझगवां ब्लॉक के स्माइलपुर गाँव के रहने वाले धर्मवीर सिंह (48 वर्ष) के पास तीन बकरियां हैं वे बताते हैं, ”गाय-भैंस की तरह ही हमको मिली बारबरि प्रजाति की बकरियां घर पर ही चरती हैं इनको बाहर नहीं ले जाना पड़ता है। इस प्रजाति की बकरी हम पहली बार पाल रहे हैं इसलिए हमको आईवीआरआई की तरफ से प्रशिक्षण के लिए ले जाया जा रहा है।’

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फार्मर फर्स्ट परियोजना के लिए पूरे देश को कई रीजन में बांटा गया है। बरेली जोन का प्रधान अन्वेशक आईवीआरआई के पशु अनुवांशिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा. रणवीर सिंह ने बताया, ”सीमांत, मध्यम व लघु श्रेणी के किसानों को इस स्कीम से जोड़ा गया है। इसके तहत किसानों को निशुल्क बकरी, भेंड़, सुअर और बागवानी में गेहूं, धान, दलहन, तिलहल समेत कई फसलों की नई प्रजाति के बीज किसानों को मुफ्त में दिए गए हैं ताकि उनकी आय दोगुनी हो सके। चार महीने पहले मंझगवां ब्लॉक के नौ गाँव के 21 परिवारों को उनकी जीविका चलाने और आमदनी बढ़ाने के लिए 63 बकरियों की नई प्रजाति बारबरी बांटी गई है। जिसके प्रशिक्षण के लिए 35 किसानों को मथुरा के केंद्रीय बकरी अनुसंधान भेजा गया है।”

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