इश्त्याक खान, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
औरैया। जायद की फसल में बोई गई मूंगफली, मक्का, बाजरा, उड़द, मूंग, हरा चारा एवं सब्जियों को गर्म हवाओं से बचाने के लिए किसान समय का ख्याल रखते हुए सिंचाई करें। फसल की कटाई और मड़ाई भी गर्म हवाओं के बीच न करें। फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई की जाए।
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कृषि प्रसार अधिकारी सुमित कुमार पटेल ने बताया, “जायद की फसलों की सिंचाई सुबह पांच बजे से लेकर 10 बजे तक और शाम पांच बजे से रात्रि तक करें। उड़द, मूंग की फसलों की सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि सिंचाई हल्की की जाए। खेतों में पानी इतना न भरा जाए कि सुबह से शाम तक भरा रहे।” सुमित आगे बताते हैं, “गर्म हवाओं से फसल को ही नहीं बल्कि किसान स्वयं को और पशुओं को भी बचा कर रखें। पशुओं को स्वच्छ जल हैंडपंप, कुआं, नहर, टयूबवेल का पानी पिलाएं। फसल अपशिष्ट में आग न लगाई जाए बल्कि इसे गड्ढा खोदकर एकत्र कर कंपोस्ट खाद बना लें।”
मूंग और उड़द में कीट नाशक का करें प्रयोग
जायद की फसलों में मूंग, उड़द में पहला पानी लगने के बाद कीड़े लगने शुरू हो जाते हैं। फसल को खतरनाक कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। हो सके तो पानी लगाते समय ही कीटनाशक दवा डाल दें। जिससे पत्ती के साथ पौधे में भी कीड़ा नहीं लग पाएगा।
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