औरैया। सूखा से ग्रसित क्षेत्रों में प्रदेश के 26 जिलों को शामिल किया गया है। सूखा घोषित जिले के पशु पालक किसानों को पशुओं के चारे के संकट से निपटने के लिए विभाग खाद और बीज निशुल्क दे रहा है। इसके लिए किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जायेगा। पशु पालक किसानों को पशुओं के चारे के लिए मुसीबत बनी हुई है। किसानों पर अधिक बोझ न पडे इसलिए खाद और बीज निशुल्क देने का ऐलान किया है।
किसान फसलों की पैदावार पर तो अपनी जेब से पैसा खर्च कर लेता है लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग का किसान चारे के लिए पैसा कहां से लाकर खर्च करेगा। चारे के संकट से उबरने के लिए किसानों को सिर्फ खेत की जुताई और जुआर (जुंडी, चरी चारा) में पानी लगाने का पैसा वहन करना पडेगा। जिले में 1500 पशु पालकों का चयन किया जाना है। दशमलव एक हेक्टेयर से लेकर दशमलव पांच हेक्टेयर तक के किसान का किया जायेगा। चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर शुरू कर दिया गया है।
15 किलो चरी, 65 किलो डीएपी तथा एक कुंतल यूरिया खाद
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बीज और खाद पाने के लिए नजदीकी राजकीय पशु अस्पताल से फार्म लेकर किसान आवेदन कर सकते है। चयनित दशमलव एक हेक्टेयर वाले किसान को बीज के रूप में तीन किलो जुआर, 13 किलो डीएपी और 20 किलो यूरिया खाद उपलब्ध कराई जायेगी, जब कि दशमलव पांच हेक्टेयर वाले किसान को 15 किलो चरी, 65 किलो डीएपी तथा एक कुंतल यूरिया खाद दी जायेगी।। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलो में भी किसानों को खाद और बीज दिया जायेगा। लेकिन सभी जिलो का सूखा राहत के हिसाब से मापदंड और किसानों की संख्या अलग-अलग है। पशु पालन विभाग को खाद की सप्लाई इफको के द्वारा की जायेगी जब कि बीज राजकीय बीज भंडारो से मिलेगा।
पहले आओ, पहले पाओ पर होगा चयन
सीबीओ एसपी यादव ने बताया ”पशु पालक किसानों से चरी चारा की बुआई के लिए आवेदन मांगे गये है। 1500 किसानों का चयन होना है दशमलव एक हेक्टेयर वाले किसान को 3 किलो चरी, 15 किलो डीएपी और 20 किलो यूरिया खाद निशुल्क दी जायेगी। किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जायेगा।”
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