दलहन उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद

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नई दिल्ली (भाषा)। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बेहतर मानसून के कारण चालू फसल वर्ष में दलहन का उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर दो करोड़ टन हो सकता है जिसके कारण खुदरा कीमतों को कम करने में मदद मिल सकती है।

पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार दलहन की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं लेकिन उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि राज्य पर्याप्त उपाय नहीं कर रहे हैं।

राज्यों से बराबर की जिम्मेदारी लेने को कहते हुए मंत्री ने कहा कि राज्यों को केंद्रीय बफर स्टॉक से दलहनों की उठान करनी चाहिये और खुदरा वितरण के लिए इसकी कीमत 120 रुपए प्रति किलो से अधिक नहीं होनी चाहिये। फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में उत्पादन संभावना के बारे में पूछने पर पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि वित्तमंत्री को कहा गया है कि इस वर्ष दलहन उत्पादन दो करोड़ टन का होगा। यह बाजार में कीमतों को कम करने में मदद करेगा।

सूखा पड़ने के कारण फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन घटकर एक करोड़ 71.5 लाख टन रह गया जो उसके पिछले वर्ष में 1.9 करोड़ टन का हुआ था। खराब मानसून रहने के कारण वर्ष 2015-16 में दलहन उत्पादन घटकर एक करोड़ 70.6 लाख टन रह गया। दलहन की वार्षिक घरेलू मांग 2.35 करोड़ टन की है।

पासवान ने कहा, ”सरकार दलहनों की कीमतों को कम करने के बारे में गंभीर है। हम बाजार में आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। जब कभी भी आपूर्ति और मांग में खाई बढ़ती है दलहन की कीमतों में तेजी आती है। यह खाई बढ़ना कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि उत्पादन में कमी आना या इसकी जमाखोरी किया जाना।”

उन्होंने कहा कि कीमत बढ़ने की स्थिति में बाजार हस्तक्षेप करने के लिए केंद्र सरकार बफर स्टॉक को बनाने और उससे सस्ती दरों पर बिक्री करने के लिए व्यवस्था करने में लगी है।

अन्य कदमों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मोजाम्बिक से दीर्घावधिक आधार पर सरकार के स्तर पर अरहर दाल का आयात किया जायेगा। यह आयात न्यूनतम समर्थन मूल्य में परिवहन लागत को जोड़कर किया जायेगा। पासवान ने कहा, ”मोजाम्बिक में चूंकि उत्पादन कम हुआ है, इसलिए पहले वर्ष हम करीब एक लाख टन दाल का आयात करेंगे और दूसरे वर्ष 1.23 लाख टन दलहन का आयात करेंगे। पांचवें वर्ष तक आयात का स्तर दो लाख टन तक पहुंच जायेगा।” सरकार उड़द दाल के आयात के लिए म्यांमा से वार्ता की प्रक्रिया में है लेकिन वे अभी तक सरकार के स्तर पर आयात करने को सहमत नहीं हुए हैं।

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