लखनऊ। “गन्ना किसान अपनी फसल में कोरॉजन कीटनाशक के प्रयोग से बचें, कोरॉजन कीटनाशक के अधिक प्रयोग से किसानों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य को भी नुकसान होगा।” यह सलाह उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों को दी है।
उन्होंने आगे बताया, “विभिन्न संस्थानों की वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार कोरॉजन कीटनाशक का इस्तेमाल केवल दीमक एवं कंसुआ और टॉप बोरर नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। ऐसे में कंपनी को गलत प्रचार के लिए नोटिस दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया, “कोरॉजन कीटनाशक कंपनी DuPont विभिन्न प्रचार माध्यमों से गन्ने की फसल के अधिक पैदावार के सम्बन्ध में झूठा प्रचार कर रही है। ऐसे में गन्ने की फसल में लगने वाले कीटों में नियंत्रण के लिए अत्यधिक कीटनाशकों के असंतुलित प्रयोग से किसान बचें।”
भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों को सलाह देते हुए कहा, “कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फसल वर्ष में एक ही बार कोरॉजन का प्रयोग फसल में करना बेधक कीटों पर नियंत्रण के लिए काफी है क्योंकि इस कीटनाशक का प्रभाव काफी समय तक रहता है। ऐसे में किसानों को इसका अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यह कीटनाशक काफी घातक श्रेणी का रसायन है, जिसका फसल की मिट्टी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।” बता दें कि किसानों को कोरॉजन कीटनाशक को प्रचार के जरिए बताया जा रहा है कि कोरॉजन के प्रयोग से गन्ना अधिक मोटा और लंबा होता है और यह लगातार बढ़ता रहता है। कोरॉजन एक महंगा कीटनाशक है।
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