लखनऊ। खेती के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की बात थोड़ा अटपटी ज़रूर लगती है लेकिन ब्रिटेन के किसान पैदावार बढ़ाने और खेती से मोटा मुनाफ़ा कमाने के लिए अतंरिक्ष विज्ञान की मदद ले रहे हैं।
कृषि से जुड़ी नई तकनीकें आने से पहले खेतों में काम करने के लिए सैकड़ों लोगों के साथ-साथ दर्जनों जानवरों की भी ज़रूरत पड़ती थी। लेकिन फिर जानवरों की जगह मशीनों ने ले ली, लेकिन उन मशीनों को चलाने के लिए अभी भी लोगों की ज़रूरत पड़ती थी। लेकिन जब से ब्रिटेन के किसानों ने खेती के लिए उपग्रहों और अतंरिक्ष विज्ञान की मदद लेनी शुरू की है उन्हें खेतों में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। सारा काम सेंसर्स और सैटेलाइट इमेजिंग यानि उपग्रहों से मिलने वाली लाइव तस्वीरों के जरिए होता है।
सेंसर्स और तकनीक की मदद से ना तो अब किसानों को खेतों में जाने की ज़रूरत पड़ती है और ना ही मशीनों के चलाने के लिए लोगों को खेतों में जाना पड़ता है। सारा काम बस एक बटन के दबाने भर से हो जाता है। किसानों के लिए छपने वाली ब्रिटेन की मशहूर मैगजीन फॉर्मर्स में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटेन के करीब 60 फीसदी किसान खेती के लिए सेंसर और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। नई तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को मेहनत भी कम करनी पड़ती है और पैदावार भी अच्छी होती है।
जानकारों की मानें तो जब से ब्रिटेन के किसानों ने खेती के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी के साथ-साथ दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में तेज़ी देखने को मिली है और कृषि सेक्टर भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ब्रिटेन में कई ऐसी कंपनियां हैं जो किसानों को सैटेलाइट के ज़रिए खेती पर नज़र बनाए रखने की सुविधा दे रही हैं।
किसान कैसे कर रहे हैं तकनीक का इस्तेमाल
उपग्रहों का इस्तेमाल
उपग्रह के इस्तेमाल से ब्रिटेन के किसान घर बैठे अपने खेतों और फसलों को देख सकते हैं, और ज़रूरत पड़ने पर सेंसर्स की मदद से दवाई छिड़कने के साथ-साथ कटाई और छंटाई का काम भी कर सकते हैं।
सेंसर्स का इस्तेमाल
फसलों की बुवाई के बाद कई बार फसलों पर दवाइयां या कीटनाशक भी छिड़कने होते हैं। खेतों में लगे सेंसर्स और सैटेलाइट से मिल रही लाइव तस्वीरों की मदद से किसान बिना खेत में गए दवाइयों या कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं। किसान खेतों में दवाइयों के छिड़काव के लिए पाइप वायरिंग करते हैं उसमें सेंसर्स लगा देते हैं। घर बैठ सेंसर्स आन करके दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।
ड्रोन का इस्तेमाल
उपग्रहों के अलावा ब्रिटेन के किसान छोटे ड्रोंस के जरिए भी अपनी खेती की देखभाल करते हैं। जो काम सैटेलाइट कर रहे हैं वहीं काम ड्रोंस की मदद से भी किया जा सकता है।
रोबोटिक ट्रैक्टरों का इस्तेमाल
ब्रिटेन के किसान खेती के लिए रोबोटिक टैक्टर और सेंसर्स लगे हारवेस्टर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इन रोबोटिक ट्रैक्टरों में कैमरे और सेंसर लगे होते हैं जिसकी मदद से बिना खेत में गए किसान जुताई और बुवाई का काम कर सकते हैं।
ऑटोमैटिक सिंचाई व्यवस्था
सिर्फ़ जुताई या बुवाई ही नहीं अंतरिक्ष विज्ञान की मदद से वॉटर वायरिंग के ज़रिए खेतों की सिंचाई भी की जा सकती है। इसके लिए भी ख़ास तरह के सेंसर्स का इस्तेमाल किया जाता है।
फसलों की कटाई
ब्रिटेन के किसानों के पास खेती से जुड़ी इतनी उन्नत तकनीकें हैं कि फसल तैयार होने के बाद भी उन्हें खेतों में जाने के ज़रूरत नहीं है। सेंसर्स लगे हारवेस्टर बस एक बटन दबाने भर से चुटकी में सारी फसल काट देते हैं।