एनबीआरआई के सालाना प्रदर्शनी में देखने को मिलीं गुलदाउदी और कोलियस की अनोखी किस्में

आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गुलदाउदी की 75 अनोखी किस्में भी आम जन के लिए प्रदर्शनी में लगायी गयी। इसके साथ साथ सीएसआईआर, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे पुष्पकृषि मिशन पर जानकारी देने के लिए एक अलग स्टाल लगाया गया
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कोविड महामारी के कारण दो साल बाद सीएसआईआर -राष्‍ट्रीय वनस्‍पति अनुसंधान संस्‍थान, लखनऊ के वनस्पति उद्यान स्थित सेन्‍ट्रल लॉन में गुलदाउदी व कोलियस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। दो साल बाद फूलों को शौकीन लोगों को मौका मिला।

दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने 10 दिसंबर को किया। बीते कोरोना काल के चलते इस प्रदर्शनी का आयोजन दो साल बाद किया गया जिसके चलते इस अद्भुत प्रदर्शनी को निहारने के लिए काफी संख्या में आम लोग एनबीआरआई पहुंचे थे।

यह प्रदर्शनी आम जनता को सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करती हैं जिससे वे गुलदाउदी एवं कोलियस से संबंधित कृषि प्रौद्योगिकी, व्‍यावसायिक कट-फ्लावर्स की किस्‍मों तथा इसके संवर्धन पद्धतियों के विषय में जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं।

भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गुलदाउदी की 75 अनोखी किस्मे भी आम जन के लिए प्रदर्शनी में लगायी गयी। इसके साथ साथ सीएसआईआर, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे पुष्पकृषि मिशन पर जानकारी देने के लिए एक अलग स्टाल लगाया गया है जहां से आम जन/किसान/पुष्प प्रेमी पुष्प कृषि से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

इस साल प्रदर्शनी में कुल 72 प्रदर्शकों ने 569 प्रविष्‍टियों को प्रदर्शित किया। इस प्रदर्शनी के आयोजन का प्रमुख उदेश्य पुष्‍पकृषि उद्योग और इसके विभिन्न पहलुओं के प्रति जनसाधारण में जागरूकता उत्‍पन्‍न करना है। यह एक सुनहरा अवसर है जहां लोगों ने फू्लों के कई रंगों, प्रकारों, आकारों तथा उनके संवर्धन पद्धतियों को देखा है।

यह प्रदर्शनी आम जनता को सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करती हैं जिससे वे गुलदाउदी एवं कोलियस से संबंधित कृषि प्रौद्योगिकी, व्‍यावसायिक कट-फ्लावर्स की किस्‍मों तथा इसके संवर्धन पद्धतियों के विषय में जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं।

इस वर्ष दिए गए 380 कुल सामान्य पुरस्‍कारों में रंजीता अग्रवाल, मदन मोहन मालवीय मार्ग, लखनऊ कुल 32 पुरस्‍कार (17 प्रथम,10 द्वितीय तथा 5 सान्‍त्‍वना) जीतकर प्रथम स्‍थान पर रहीं। ला मार्टिनीयर कॉलेज, हज़रतगंज, लखनऊ कुल 34 पुरस्‍कार (16 प्रथम, 8 द्वितीय तथा 10 सान्‍त्‍वना) जीतकर द्वितीय तथा हेड क्वार्टर, सेंट्रल कमांड, कैंट, लखनऊ 24 पुरस्‍कार (12 प्रथम, 05 द्वितीय तथा 07 सान्‍त्‍वना) जीतकर तृतीय स्‍थान पर रहे।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. आलोंक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रकृति के इस मनमोहक वातावरण में आकर मानसिक शांति प्राप्त होती हैं, आजकल हम भौतिक सुखों की ओर अधिक आकर्षित और मानसिक सुखों से दूर होते जा रहे हैं ऐसे में मन को सुख देने वाले ऐसे आयोजनों व अन्य अवसरों की तलाश करते रहना चाहिए । उन्होंने आशा जताई कि एनबीआरआई के साथ मिलकर लखनऊ विश्वविद्यालय पुष्प कृषि क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करने की दिशा में आगे सार्थक पहल करेगा तथा संस्थान द्वारा किये शोध कार्यों को आमजन तक पंहुचाने अग्रणी भूमिका निभाएगा।

संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने उपस्थित जन समुदाय का स्वागत करते हुए बताया कि संस्थान वर्ष 1960 से लगातार इस पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन करता चला आ रहा है। डॉ. त्रिवेदी सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप लोगो की वजह से इस प्रदर्शनी का आयोजन सफल बन पाया हैं।

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