प्रधानमंत्री ने किया ‘बनारस डेयरी संकुल’ का शिलान्यास, कहा- गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने ‘बनारस डेयरी संकुल’ (Banaras Dairy Sankul) की आधारशिला रखी। 30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसमें हर दिन 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मजयंती है। उनकी स्मृति में देश, किसान दिवस मना रहा है।”

गाय पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।”

बनारस डेयरी संकुल का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना, आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है। 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक दूध उत्पादन पर पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है। तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है।

“पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास के कई कारण भी हैं, “पीएम ने आगे कहा।

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की मदद से भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विकसित दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता आकलन योजना को समर्पित एक पोर्टल और लोगो भी लॉन्च किया। पीएम ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के लिए एकीकृत व्यवस्था जारी की है। सर्टिफिकेशन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला एकीकृत LOGO भी लॉन्च किया गया है। ये प्रमाण, ये LOGO दिखेगा तो शुद्धता की पहचान आसान होगी और भारत के दूध उत्पादों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री द्वारा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें लगभग 107 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय का इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन और 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से केन्द्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान में बनाया गया एक शिक्षक शिक्षण केंद्र शामिल है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा बीएचयू और आईटीआई करौंडी में आवासीय फ्लैटों और स्टाफ क्वार्टरों का भी उद्घाटन किया गया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में, प्रधानमंत्री द्वारा 130 करोड़ रुपये की लागत से महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में डॉक्टरों के छात्रावास, एक नर्स छात्रावास और आश्रय गृह के निर्माण से संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। उन्होंने भद्रसी में 50 बिस्तरों वाले एक एकीकृत आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया। उन्होंने आयुष मिशन के तहत पिंडरा तहसील में 49 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की भी आधारशिला रखी।

सड़क के क्षेत्र में, प्रधानमंत्री ने प्रयागराज और भदोही जाने वाली सड़कों के लिए ‘4 से 6 लेन’ सड़क चौड़ीकरण की दो परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इससे वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यह शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान की दिशा में एक कदम होगा।

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