कश्मीर की वादियों तक ले जाएगी ‘नुट’ की धुन

नए एपिसोड में हम आपके लिए लाए हैं इसी कश्मीरी 'नुट' की धुन लेकर आए हैं। उम्मीद है, ये धुन आपके दिल को भी छू पाएगी।
#Kashmir

श्रीनगर। ये धुन कश्मीरी नुट की है। ‘नुट’ जो कि असल में एक मटका होता है, इसका इस्तेमाल एक वाद्ययंत्र के तौर पर किया जाता है। यह मिट्टी का ही बना होता है, लेकिन इसकी बनावट आम मटकों से कुछ अलग होती है। इसकी गर्दन लंबी होती है। इसे बजाने पर एक अलग ही तरह का संगीत तैयार होता है, जिसका इस्तेमाल कश्मीरी संगीत कार्यक्रमों में अक्सर होता है।

कश्मीर में ही एक नुट ताम्बे का भी होता है जिन्हें शादी के मौकों पर रिंग से बजाते हैं। लेकिन यह मिट्टी का बना हुआ वाद्य यंत्र कश्मीरी सूफ़ी संगीत में प्रमुख भूमिका निभाता है। वूमेंस कॉलेज श्रीनगर के संगीत विभागाध्यक्ष मुज़फ्फर अहमद सैलून से नुट बजाते व लोगों को सिखाते आये हैं। मुज़फ्फर बताते हैं, “मटकी राजस्थानी संगीत में भी इस्तेमाल होती है, लेकिन उसकी जो गर्दन है वो बहुत छोटी होती है। जबकि नुट की गर्दन लम्बी होती है और इसे कश्मीरी सूफ़ी में ख़ास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।”

कश्मीरी ‘नुट’ लोक संगीत का एक ऐसा वाद्ययंत्र है, जिसके बारे में दूसरे राज्यों के लोगों को बहुत जानकारी नहीं होती। गांव कनेक्शन की ख़ास सीरीज़ ‘Folk Studio’, में हम छिपी हुई लोक कलाओं को आपके सामने लाने की लगातार कोशिश करते हैं। इसके नए एपिसोड में हम आपके लिए लाए हैं इसी कश्मीरी ‘नुट’ की धुन लेकर आए हैं। उम्मीद है, ये धुन आपके दिल को भी छू पाएगी। 

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