रायपुर(छत्तीसगढ़)। सांप की बात सुनते ही हमारे मन में डर बैठ जाता है या फिर हम सहम जाते हैं। रोज़ ऐसे मामले देखने-पढ़ने को मिलते हैं, जिसमें लोगों ने मिलकर सांप को बेरहमी से मार दिया या जला दिया हो लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक ऐसी भी शख्स हैं जो सांपों को किसी और प्राणी की तरह बेहद साधारण तरीके से लेती हैं और जन जागरूकता के माध्यम से लोगों को सांप के बारे में जागरूक कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ मंजीत कौर बल कहती हैं कि हमें साँप के साथ रहना सीखना होगा, साँप से वही डरता है जो अज्ञान है, जिस दिन आप साँप के बारे में तथ्यात्मक और साइंटिफिक बातें समझ जाएंगे। आप साँप से डरना छोड़ देंगे। पिछले 18 वर्षों में डॉ. बल ने 300 से ज़्यादा साँप को बचाया हैं और 20 लोगों की टीम के सहयोग से विभिन्न माध्यम से लाखों लोगों को जागरूक भी किया हैं। इसी कड़ी में साँप से डर, काटने पर उपचार, सांप से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में डॉ मंजीत कौर बल बता रहीं हैं।
साँप से लोग डरते क्यों हैं ?
साँप से लोग बहुत सारे कारण से डरते हैं। सबसे पहले कुछ भ्रांतियां हैं जैसे साँप अपनी आँखों में तस्वीर ले लेता है और उसके बाद उस आदमी की जान लेता है, साँप बदला लेते हैं।
दरअसल साँप के पैर नहीं होने कारण वह फिसलता हैं जिससे लोग बेहद असहज महसूस करते हैं। आम तौर पर अधिकांश जानवरों के पाँव होते हैं, लेकिन साँप की चाल सभी से अलग है। साँप की आंखों में पलकें नहीं होती हैं जिसकी वजह से साँप की खुली आंखें देखकर मन में भय पैदा होता है। साँप की जीभ दो भागों में बटी हुई होती हैं जो बेहद डरावनी लगती है।
साँप से भय की एक मुख्य वजह सिनेमा भी है। हमें हमेशा यही दिखाया गया हैं कि साँप इंसान को दौड़ाता है, काटता है, नाग-नागिन का जोड़ा बदला लेता है, जैसे तमाम कारण हैं जिनकी वजह से इंसान से साँप से डरता है।
साँप को देखते ही क्या करना चाहिए ? क्या मारना ही एक मात्र विकल्प है?
साँप को देखकर घबराने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं है। सबसे पहले आपको शांति से यह समझना होगा की यह जहरीला हैं या नहीं। आपको यह जानकर हैरत होगी की 80 % प्रतिशत साँप जहरीले नहीं होते इसलिए डरने का कोई विषय नहीं हैं। जो लोग साँप को मारते हैं असल में उन्हे साँप से नहीं अपने मन की भ्रांतियों के कारण डर लगता है। जो जहरीले साँप होते हैं आप उन्हें पहचानना सीखिए और फिर किसी रेस्क्यू टीम की मदद से उसे बेहद सुरक्षित तरीके से बाहर कर दीजिए। केवल कोबरा, कॉमन करैत, रसल्स वायपर और सस्किल्ड वायपर ही जहरीले हैं जिन्हें भी बेहद सहूलियत से रेस्क्यू कर सकते हैं।
एक महत्वपूर्ण बात यह भी हैं की आप अपना घर या आँगन साफ़ रखिये क्योंकि जहां भी आप कचरा या गंदगी करेंगे वहाँ साँप आने की सम्भावना ज़्यादा होती है। साँप के आने की वजह उसका भोजन चूहे या छिपकली होते हैं। साँप को कोई मतलब नहीं हैं की उस जगह में इंसान रहते हैं या नहीं। वे सिर्फ अपने शिकार के लिए आते हैं और चुप चाप चले जाते हैं। इसलिए जब भी आप घर या खेत में आप देखे बिलकुल भी घबराएं नहीं।
साँप से जुड़ी कौन-कौन सी भ्रांतियां हैं ?
साँप से जुड़ी बहुत सारी भ्रांतियां हैं जिसकी वजह से इंसान साँप से डरता है। साँप को दिन में देख लिया तो रात को बुरे सपने आएंगे या आपके जीवन में कुछ बुरा होने वाला है। आपको सपने सिर्फ डर की वजह से आते हैं जिसका साँप से कोई लेना देना नहीं है।
अगर आपने नाग को मार दिया तो नागिन बदला लेने आएगी जबकि सच यह हैं की नाग-नागिन बदलते रहते हैं और साँप की मेमोरी भी बहुत कम होती है। इच्छाधारी नाग और नागिन का होना, मणि धारी नाग का होना, नागिन का बदला लेना यह सब भ्रामक है।
साँप अपनी आखों में तस्वीर नहीं ले सकता क्योंकि साँप के देखने की सीमा बहुत कम होती है।
साँप दूध नहीं पीते, साँप मैमल नहीं हैं। आपने कई बार साँप को दूध पीते देखा होगा वो इसलिए क्योंकि सपेरे साँप को लम्बे समय से पानी नहीं देते और जब उनके सामने दूध रखा जाता हैं तो वे उसे तरल पदार्थ समझकर पी जाते हैं। दूध पीने से साँप के फेफड़ो में तकलीफ होते हैं और निमोनिया की वजह से उस साफ़ की मृत्यु भी हो जाती है।
साँप काटने के लिए कभी नहीं दौड़ता। साँप इंसान से डरता हैं इसलिए साँप उलटी दिशा में दौड़ता है।
साँप काट दे तो क्या करना चाहिए ?
साँप अगर जहरीला नहीं हैं तो आप हाथ को साबुन से धो ले और थोड़ी चोट आ गई हो तो हाथ में डेटोल लगा लें। सांप अगर जहरीला है तो उस जगह पर कपड़ा बाँध लें। कपड़ा या धागा बांधते समय थोड़ा गेप रखें। कपड़ा या धागा टाइट बांधने पर अंग काटने की स्थिति भी बन सकती है। याद रहे किसी भी तरह का तनाव न ले नहीं तो ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके बाद तत्काल पास के अस्पताल में जाकर एन्टी स्नेक वीनम इंजेक्शन लगवाएं। सांप के काटने पर इलाज बेहतर तरीके से हो सके इसलिए बहुत जरुरी है की आप साँप को पहचान सके। कई बार सांप की पहचान नहीं होने पर डॉक्टरों को लक्षणों का इंतजार करना पड़ता है।
साँप और इंसान का सह – अस्तित्व कैसे संभव है ?
सह – अस्तित्व बिलकुल संभव हैं। आप जैसे दूसरे जानवरों के साथ रहते हैं बस वैसे ही सांप के साथ रहा जा सकता है। सांप से डरना नहीं है। साँप को न भगाए बल्कि उससे जुड़ी भ्रांतियों को भगाएं। हमारे ‘इको सिस्टम के लिए सांप बेहद जरूरी हैं। वे कीट-मकोड़ों और चूहों की आबादी को नियंत्रित करते हैं। साँप नहीं होंगे तो इतने चूहे बढ़ जायेंगे कि आप विश्वास कीजिए कोई दवा से चूहों को नियंत्रित नहीं कर पाएगी। हमें भय से जिज्ञासा की ओर बढ़ना हैं और सांपो को समझना है। जिस दिन हम साँप को समझ गए यकीन मानिए हमें बाकी जानवरों की तरह साँप से भी प्यार हो जाएगा। जब आप किसी जानवर से प्यार करेंगे तो निश्चित ही उसे मारेंगे नहीं और यही से सह अस्तित्व का भाव बनेगा।
स्नेक रेस्क्यू के कोई अनुभव साझा करना चाहे आप तो ?
स्नेक रेस्क्यू करना कोई तकनीकी का काम नहीं है। हमारे पास कोई मशीन या टूल नहीं होता जिससे हम साँप को पकड़ते हैं। हम सिर्फ साँप को समझकर बेहद सावधानी से घर में उपलब्ध पाइप या लकड़ी से पकड़कर सुरक्षित छोड़ देते हैं। रेस्क्यू के बेहद साधारण व्यवस्था हैं जिसे कोई भी कर सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात आप रेस्क्यू करने के बाद साँप को बहुत दूर नहीं छोड़ सकते हैं नहीं तो हैबिटैट छूटने की वजह से वह मर भी सकता है। स्नेक रेस्क्यू कोई भी कर सकता हैं इसके लिए सिर्फ जानकारी की जरुरत है। एक बात और लोग जब भी रेस्क्यू के लिए कॉल करते हैं तो उन्हें ताज्जुब होता हैं की एक महिला यह काम कर लेती है। साँप पुरुष- महिला नहीं जानता, यह लिंग भेद तो हम इंसानो का बनाया हुआ हैं इसलिए यह रेस्क्यू का काम हर व्यक्ति कर सकता हैं फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष। जरुरत सिर्फ समझ और ज्ञान की है।
मैं अंत में बस इतना कहना चाहती हूँ की समस्या जानवरो के साथ नहीं है। समस्या और भय हमारे अपने दिमाग में हैं। आप साँप के बारे में पढ़िए, जानकार बनिए, भ्रांतियों को तोड़ तथ्यात्मक और वैज्ञानिक दृष्टि रखिए। साँप को मारना कोई वीरता का काम नहीं हैं अपितु साँप को बचाने में असली वीरता हैं। साँप से डरना नहीं है। आप खुद भी जागरूक बने और समाज को भी जागरूक बनाए तो आज ही साँप के बार में पढ़िए, समझिये और मन की भ्रांतियों को अलविदा कहिए।